देशान्‍तर: फ़िलिपींस में बढ़ता राष्ट्रवाद और बाहुबली राष्ट्रपति दुएर्ते की अजब दास्ताँ

इस कॉलम के माध्यम से भारत के बाहर चल रहे संघर्षों, मुद्दों, वहां की राजनैतिक परिस्थिति और दुनिया भर में बढ़ रही उदारवादी और दक्षिणपंथी ताक़तों को भारतीय मानस में …

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दक्षिणावर्त: हमारे यहां अमेरिका या ब्रिटेन से भी बड़े बलवे घात लगाए बैठे हैं…

हमारे प्रधानसेवक ने कहा, ‘आपदा में अवसर है’। मैंने सुना, ‘आपदा ही अवसर है’। अमेरिकी लोगों ने सुना, ‘आपदा का अवसर है’। फिर, यहां से वहां तक सब जुट गए …

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बात बोलेगी: स्मृतियाँ जब हिसाब मांगेंगीं…

एक ज़िंदगी कई घटनाओं का बेतरतीब संकलन होती है। हर रोज़ कुछ घटता है। उस घटने को लोग देखते हैं, महसूस करते हैं, उसके अच्छे-बुरे परिणाम भुगतते हैं। घटनाएँ बीत …

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तन मन जन: COVID-19 ‘वैश्वीकरण का रोग’ है जहां चिकित्सक की भूमिका पुलिस को सौंप दी गयी है!

भारत में जन स्वास्थ्य कभी मुख्य मुद्दा रहा ही नहीं! न तो सरकार और राजनीतिक पार्टियों के लिए और न ही जनता के लिए। “विकास” का नाम लेकर देश में …

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तन मन जन: स्वामी विवेकानंद का ‘प्लेग मेनिफेस्टो’ और दहशत का वायरस

आइए, समझते हैं कि जब ये वायरस हमें बीमार कर देने का इरादा नहीं रखते तब दुनिया भर में लाखों लोग इस वायरस के संक्रमण से मर क्यों रहे हैं और करोड़ों लोग दहशत में क्यों हैं?

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