बंदरों को आदमी होना ही नहीं था: विभांशु केशव की दस लघु कथाएं

डॉक्टर साहब सोचते- मेरी जानकारी में मेरे खानदान ने पैसे के अतिरिक्त कुछ कमाया नहीं। फिर लड़की इज्जत लेकर कैसे चली गई? मेरे खानदान वालों ने इज्जत का खजाना कहाँ छुपा रखा है?

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