रेणु की जयंती पर ‘मैला आँचल’ को पढ़ते हुए…

बाकी लोगों की तरह मैं केवल डॉक्टर प्रशांत और कमला को इस पुस्तक के नायक-नायिका के तौर पर नहीं देखती। मुझे लगता है कि इस पुस्तक का कोई एक नायक अथवा नायिका नहीं है। इसमें 250 से अधिक पात्र अपनी अपनी दुनिया के नायक हैं।

Read More

सौ साल के रेणु: मनुष्य की परतदार यातनाओं का कथा-शिल्पी

वे अमूर्त से सैद्धान्तिक सवालों पर बहस नहीं करते थे। उनके विचारों का स्रोत कहीं बाहर-पुस्तकीय ज्ञान में न था, राजनीतिक हस्तक्षेप में उनका विश्वास बढ़ रहा था। उनके मन में एक आशा पनप रही थी। और जब ऐसा कुछ हुआ, तो रेणु अचानक सक्रिय हो गए।

Read More