पंचतत्व: एक संकल्प उन मरते नदी-पोखरों के लिए भी, जिसमें खड़े होकर हमने सूर्य को अर्घ्य दिया!
अगस्त में आपने बिहार, असम और केरल जैसे राज्यों में भयानक बाढ़ की खबरें पढ़ी होंगी, ऐसे में अगर मैं यह लिखूं कि देश की बारहमासी नदियां अब मौसमी नदियों में बदल रही हैं और उनमें पानी कम हो रहा है तो क्या यह भाषायी विरोधाभास होगा? पर समस्या की जड़ कहीं और है।
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