स्थानीय समुदाय बनाम वैश्विक पूंजी: हमारे दौर का सबसे बुनियादी अंतर्विरोध

दुनिया भर में अब उत्‍पीड़क और निरंकुश राजकाज का एक ऐसा मॉडल उभर चुका है जहां देशों की जनता को नियंत्रित रखने का ठेका उन सनकी और बाहरी ताकतों को सौंप दिया गया है जिनके नियंत्रण में देशों की सीमाएं हैं। इन ताकतों को अब सीधे और पूरी तरह कुछेक विशाल कॉरपोरेशन और वित्‍त प्रबंधन कंपनियां चलाएंगी। इसलिए वैश्विक पूंजी और स्‍थानीय समुदायों का अंतर्विरोध अब पहले से कहीं ज्‍यादा तीव्र हो गया है।

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भारतीय संविधान : हाशिये के समाज का मैग्नाकार्टा

आज के समय में हाशिये के समाज में तमाम सामाजिक विद्रूपताएं व समस्याएं दिखाई देती हैं। इसका कारण यह भी है कि संविधान द्वारा मिला हुआ कानूनी प्रावधान इन्हें उचित तरीके से नहीं मिल सका है जिसके वह वास्तव में हकदार थे।

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बाल विवाह की जड़ें वंचित जातियों की बदहाल जीवन स्थितियों में है, शादी की कानूनी आयुसीमा में नहीं!

आज बाल विवाह का कारण कन्यादान का फल मिलना नहीं है, बल्कि ऐसी जातियां जो प्रवासी मजदूर के रूप में अपनी आजीविका कमाती हैं उनके बीच बेटियों की सुरक्षा एक अहम मुद्दा है।

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