
‘किसान सच्चा पृथ्वीपति है, उसे सरकार से क्यों डरना?’ किसान आंदोलन के लिए गांधीजी के कुछ सबक
आज की हमारी सरकार भले ही किसानों की योग्यता और बुद्धिमत्ता पर संदेह करती हो और किसानों के साथ चर्चा करने वाले अनेक वार्ताकार उन्हें नासमझ के रूप में चित्रित करते हों किंतु गांधी जी उनमें एक आजाद, जाग्रत और प्रबुद्ध नागरिक के दर्शन करते हैं।
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