The Indian Express की खबरों में जाति की महीन कारीगरी और न्यूज़रूम में डायवर्सिटी की ज़रूरत

कायदे से जिस किसी ने भी इस खबर को लिखा है या लिखवाया है, उसे दोनों ही मामले में आरोपितों की जाति का या तो जिक्र करना चाहिए था या फिर किसी में नहीं करना चाहिए था।

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महिला संगठनों ने की सुदीक्षा के परिवार को तत्‍काल इंसाफ़ देने की मांग

सिविल सोसाइटी संगठन उड़ीसा श्रमजीवी मंच, महिला श्रमजीवी मंच, सोनभद्र विकास संगठन और आत्मशक्ति ट्रस्ट ने इस घटना की निंदा की है एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश पुलिस एवं बुलंदशहर के जिलाधिकारी को टैग करते हुए ट्विट करते हुए सुदीक्षा और उनके परिवार को तत्काल न्याय देने की मांग सरकार से की है।

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