
गाहे-बगाहे: या इलाही ये मुहल्ला क्या है!
उत्तर भारत का यह खास धार्मिक परिदृश्य है और हजारों की संख्या में ऐसे ही मंदिरों से ऐसे ही भजन प्रतिदिन छह-आठ घंटे बजाये जाते हैं। जबरन। और कोई भी ऐतराज करे तो दंगा करने के लिए तैयार बैठे धर्मप्राण।
Read MoreJunputh
उत्तर भारत का यह खास धार्मिक परिदृश्य है और हजारों की संख्या में ऐसे ही मंदिरों से ऐसे ही भजन प्रतिदिन छह-आठ घंटे बजाये जाते हैं। जबरन। और कोई भी ऐतराज करे तो दंगा करने के लिए तैयार बैठे धर्मप्राण।
Read Moreअफ़सोस इस बात का है कि 5 जून से शुरू हुए इस सत्याग्रह में सौ से ज्यादा लोग गांधीजी के भारत की वापसी की भावना लिए उपवास पर बैठ चुके हैं लेकिन मीडिया से लेकर दूसरे मंचों पर कहीं कोई चर्चा नहीं है।
Read Moreसावरकर गांधी जी की अहिंसक रणनीति से इस हद तक असहमत थे कि गांधी जी की आलोचना करते करते कई बार वे अमर्यादित लगने वाली भाषा का प्रयोग करने लगते थे। सावरकर की पुस्तक गांधी गोंधल पूर्ण रूप से गांधी की कटु आलोचना को समर्पित है।
Read Moreएक औद्योगीकृत देश के रूप में भारत के संवैधानिक उभार व विकास की अंग्रणी राष्ट्रवादियों द्वारा सराहना को गांधीजी पूर्णत: खारिज करते थे। उनका उद्घोष था कि ”बिना अंग्रेज़ों के अंग्रेज़ी शासन” की कोई जगह ही नहीं थी।
Read Moreजिस समय गांधी के विचारों को जमीन पर सबसे ज्यादा उतारे जाने की जरूरत थी ठीक उसी समय सरकार ने गांधी के विचारों का दिखावा करना भी बंद कर दिया
Read Moreअंत में इस समझ को लेकर कि हमें गांधी की ओर लौटना होगा, हमने इरफ़ान से जल्द मिलने के वादे के साथ विदा ली। मुझे क्या पता था कि ये अंतिम विदाई साबित होगी।
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