देशान्तर: बोलीविया में वामपंथ की वापसी क्या सही मायनों में प्रगतिशील राजनीति की जीत है?

दुनिया के सामाजिक आन्दोलन अपनी ताकत बनाये रखने के लिए वामपंथी दलों के सिर्फ पिछलग्गू बन कर नहीं रह सकते। दक्षिणपंथी ताकतों ने न सिर्फ जनतांत्रिक अधिकारों और संगठनों को कमजोर किया है बल्कि एक जनतांत्रिक राजनीति की ज़मीन को बहुत हद तक सिकोड़ दिया है। वैसे में राजनैतिक विकल्पों के साथ साथ वैकल्पिक राजनीति की संभावनाओं को बचाने और बनाने की लड़ाई जारी रखनी होगी।

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डिक्टा-फ़िक्टा : फ़र्ज़ी तख्तापलट, क़ैद में दो पत्रकार और बोल्टन की उद्घाटक किताब

आज से जनपथ पर प्रकाश के. रे का स्तम्भ डिक्टा-फिक्टा शुरू हो रहा है. इस स्तम्भ में इन्टरनेट पर चल रही विविध चर्चाओं और समकालीन विषयों की संक्षिप्त सूचनाएं होंगी …

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