बेलारूस में लोकतंत्र बहाली की आड़ में कोई और खेल खेला जा रहा है!

इसमें कोई दो राय नहीं है कि लुकाशेंको को देर-सबेर जाना होगा. पुतिन को भी उनसे छुटकारा पाना होगा, लेकिन रूस ऐसा पश्चिम की शर्तों के मुताबिक नहीं करेगा और उसे ऐसा करना भी नहीं चाहिए. यह भी समझना चाहिए कि लुकाशेंको का बेलारूस यानुकोविच का यूक्रेन नहीं है. लुकाशेंको पुराने ढंग के तानाशाह हैं.

Read More

डिक्टा-फ़िक्टा: नाराज़गी, नफ़रत और नकार से ही चलता है सोशल मीडिया का कारोबार

अपने धंधे को चमकाने के लिए सोशल मीडिया जिस मानवीय भावना का दोहन करता है, वह है नाराज़गी और नफ़रत. इस बारे में कई शोध हो चुके हैं. यही भावना पोस्ट या ट्वीट के वायरल होने को संभव बनाती है और इसे प्रोमोट कर प्लेटफ़ॉर्म अपना इंगेजमेंट बूस्ट करते हैं.

Read More

डिक्टा-फिक्टा: हार की कगार पर खड़े हैं ट्रंप

2016 की स्थिति फिर बन सकती है, लेकिन इस साल के अमेरिकी चुनाव की तुलना 2016 से करना बहुत हद तक ठीक नहीं है, हालांकि डेमोक्रेटिक पार्टी के सम्मेलन में ख़ुद हिलेरी क्लिंटन ने वोट डालने की अहमियत पर ज़ोर देते हुए कहा है कि जो बाइडेन और कमला हैरिस की जोड़ी तीस लाख वोट अधिक लाकर भी चुनाव हार सकती है.

Read More

डिक्टा-फिक्टा: हमारे सांस्कृतिक इतिहास का एक ज़रूरी अध्याय है टैगोर का सिनेमा के साथ जुड़ाव

टैगोर का सिनेमा के साथ जुड़ाव हमारे सांस्कृतिक इतिहास का एक ऐसा अध्याय है जिसे बार-बार पढ़ा जाना चाहिए

Read More

डिक्‍टा-फिक्‍टा: संकटों से घिरा लेबनान और ताज़ा विस्फोट

कस्टम के अधिकारियों ने 2014 में दो दफ़ा, एक बार 2015 और 2017 में तथा दो बार 2016 में न्यायालय को मसले को सुलझाने के लिए लिखा था, जिसमें इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटकों के रखने के ख़तरे को साफ़-साफ़ ज़ाहिर किया गया था.

Read More

डिक्टा-फिक्टा: स्वच्छ ऊर्जा के नाम पर लीथियम की लूट

ऊर्जा के स्रोतों के खनन और कारोबार ने दुनिया के इतिहास को बदलते रहने में प्रमुख भूमिका निभायी है. बीसवीं सदी का इतिहास ब्लैक डायमंड यानी कोयला और ब्लैक गोल्ड यानी पेट्रोलियम का रहा था, तो इस सदी का इतिहास बहुत हद तक व्हाइट गोल्ड यानी लीथियम पर निर्भर करेगा.

Read More

डिक्टा-फिक्टा : ‘ऐक्शन’ का विकल्प नहीं है ‘कैंसिल कल्चर’

अपने विचारों को चुनने और उसके अनुसार व्यवहार करने तथा उससे अलग या विरोध में खड़े विचारों व व्यक्तियों की आलोचना करना या उनका विरोध करना मानव सभ्यता के मूलभूत आचरणों में शामिल है. तो, फिर कैंसिल कल्चर’ को लेकर इतनी चिंता क्यों होनी चाहिए?

Read More

डिक्टा-फिक्टा: चीन, रूस और ईरान की उभरती तिकड़ी के बीच अमेरिकी पाले में भारत

ईरान ने यह स्पष्ट किया है कि चाबहार रेल परियोजना को लेकर भारत से कोई क़रार ही नहीं हुआ था, सो क़रार टूटने का सवाल नहीं है. तकनीकी रूप से यह बात सही है

Read More

डिक्टा-फिक्टा: युद्धोन्मादी विचारधारा अमेरिकी लॉबीस्टों का काम आसान कर रही है

भद्रकुमार जैसा वरिष्ठ और अनुभवी कूटनीतिक जब यह कहता है कि डोवाल की कोशिशों को नाक़ामयाब बनाने और उसे ग़लत साबित करने की रिपोर्टों और विश्लेषणों के पीछे दिल्ली में मौजूद ताक़तवर अमेरिकी लॉबी है, तो हमें गंभीरता से इसे सुनना-समझना चाहिए.

Read More

डिक्टा फिक्टा: मेलज़र की चेतावनी, भुतहा फिल्में और ‘सब याद रखा जाएगा’ की फंतासी

प्रोफ़ेसर मेलज़र ने स्पष्ट लिखा है कि इतने साल तक वे जूलियन असांज के विरुद्ध चल रहे दुष्प्रचार के प्रभाव में रहे और उन्हें भी लगता रहा था कि असांज पर लगाए जा रहे आरोप सही हैं, जबकि सच यह है कि यह सब उन अपराधों से ध्यान हटाने के लिए किया गया है जिन्हें असांज ने हमारे सामने उजागर किया है.

Read More