बात बोलेगी: राह भटकी ट्रेन, बीमार ‘योद्धा’, पैदल जनता बनाम एक जोड़ी जूता
सत्यम श्रीवास्तव का साप्ताहिक कॉलम
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सत्यम श्रीवास्तव का साप्ताहिक कॉलम
Read Moreजितेन्द्र कुमार का साप्ताहिक कॉलम
Read Moreडॉ. ए. के. अरुण का साप्ताहिक कॉलम
Read Moreहफ्ते भर के अंग्रेज़ी, हिंदी और उर्दू अख़बारों की समीक्षा
Read Moreलबरा और दौंदा में से किसी एक को अपनी ताकत सिद्ध करना थी या मुक़ाबला उनके बीच होना था। यहां तो एक ही व्यक्ति में दोनों मौजूद हैं।
Read Moreअगर सरकार चाहती तो आसानी से हर दिन पौने दो करोड़ लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचा सकती थी
Read Moreभारत को अपने जन विद्रोहों पर जन स्मारक बनाने और जन स्मृतियों में लाने का काम दक्षिणी कोरिया से सीखना चाहिए
Read Moreअध्ययन और आंकड़े बता रहे हैं कि कई देश जहां महिलाएं शासन में हैं, वहां कोरोना संक्रमण से नुकसान तो हुआ लेकिन वह अन्य देशों की तुलना में काफी कम हुआ
Read Moreसरकार के प्रति ‘सकारात्मक’ सुर्खी लगाने में अंग्रेजी अख़बार हिंदी समाचारपत्रों से बहुत पीछे नहीं थे
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