
अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए क्या मोदी संविधानेतर तरीके भी अपना सकते हैं?
तमाम कोशिशों के बावजूद अगर एनडीए बहुमत प्राप्त कर पाने में विफल साबित हो जाता है तो क्या मोदी लोकतांत्रिक तरीकों से सत्ता-हस्तांतरण के लिए राजी हो जाएँगे?
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तमाम कोशिशों के बावजूद अगर एनडीए बहुमत प्राप्त कर पाने में विफल साबित हो जाता है तो क्या मोदी लोकतांत्रिक तरीकों से सत्ता-हस्तांतरण के लिए राजी हो जाएँगे?
Read Moreभाजपा को अपने इस अभियान को सफल करना है तो गांधी परिवार को राजनैतिक रास्ते से हटाना होगा क्योंकि गांधी परिवार ने दंडवत होने से या रास्ता छोड़ देने से इनकार कर दिया है। सत्ता के चारों हथियार साम, दाम, दंड, भेद गांधियों को झुकाने में नाकाम रहे हैं।
Read Moreप्रतीकवाद की राजनीति में निपुण प्रधानमंत्री किसान आंदोलन के बाद पंजाब में अपनी और भाजपा की अलोकप्रियता से अवश्य चिंतित होंगे और एक शासक के रूप में अपने अनिवार्य कर्त्तव्यों को सिख समुदाय के प्रति अनुपम सौगातों के रूप में प्रस्तुत करना उनकी विवशता रही होगी।
Read Moreऐसे मौलिक समाधान पेश करने के लिए कायदे से दुनिया को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के प्रति समवेत स्वर में कृतज्ञता ज्ञापित करना चाहिए, लेकिन हुआ इसके उलट क्योंकि हसदेव अरण्य में बसे आदिवासी भी प्रामाणिक रूप से छत्तीसगढ़ के नागरिक हैं और वे भी इस दिन की महिमा से परिचित होते ही मुख्यमंत्री के आह्वान पर अपने हसदेव जंगल को, उसकी मिट्टी को, उसकी ज़मीन को, उसके जल को और उसमें बसे वन्यजीवों की रक्षा के लिए सौगंध खाते हैं। यह अनुपालन मुख्यमंत्री को बेचैन कर देता है क्योंकि मिट्टी-पूजन के बहाने वो जंगल उजाड़ने का आह्वान कर रहे थे, लेकिन इस जंगल के आदिवासियों ने उनके आह्वान को वाकई सच्चा मान लिया।
Read Moreकिसी भी जीते-जागते लोकतंत्र में उस देश के मतदाताओं/नागरिकों द्वारा अपनी माँगों को लेकर किए जाने वाले शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शनों को देश के अतिमहत्वपूर्ण व्यक्तियों की जान पर ख़तरे की आशंका से जोड़कर देखना अथवा प्रचारित करना प्रजातांत्रिक मूल्यों और व्यवस्थाओं में किस सीमा तक उचित समझा जाना चाहिए! क्या दुनिया की अन्य लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में भी हमारी तरह का ही सोच क़ायम है?
Read Moreप्रधानमंत्री जी, आपने किसानों से अपील की है कि अब हम घर वापस चले जाएं। हम आपको यकीन दिलाना चाहते हैं कि हमें सड़क पर बैठने का शौक नहीं है। हम भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द इन बाकी मुद्दों का निपटारा कर हम अपने घर, परिवार और खेती बाड़ी में वापस लौटे। अगर आप भी यही चाहते हैं तो सरकार उपरोक्त छह मुद्दों पर अविलंब संयुक्त किसान मोर्चा के साथ वार्ता शुरू करे। तब तक संयुक्त किसान मोर्चा अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक इस आंदोलन को जारी रखेगा।
Read Moreसंयुक्त किसान मोर्चा प्रधानमंत्री को यह भी याद दिलाना चाहता है कि किसानों का यह आंदोलन न केवल तीन काले कानूनों को निरस्त करने के लिए है, बल्कि सभी कृषि उत्पादों और सभी किसानों के लिए लाभकारी मूल्य की कानूनी गारंटी के लिए भी है। किसानों की यह अहम मांग अभी बाकी है।
Read Moreगडकरी की बात डराती है, सीएम और मिनिस्टर्स का डर डराता है, किसी को आपके अगले मूव, अगली चाल का पता न होना डराता है। सूचनाओं का एकतरफा प्रवाह डराता है, शासन का बिल्कुल केंद्रशासित हो जाना डराता है। आज ट्विटर पर हो रहे ख़तरनाक ट्रेंड डरा रहे हैं, एक गुट भक्तएंथम ट्रेंड कर रहा है, तो दूसरा अखंड पनौती दिवस ट्रेंड करवा रहा है, समाज का इतना तीखा बंटवारा डरा रहा है।
Read Moreइस भारतवर्ष की सृष्टि में जब सब कुछ आपकी मर्ज़ी से ही हो रहा है तो क्या कोरोना की भेंट चढ़ गए लोग भी आपकी ही इच्छा थी? क्या ऑक्सीज़न के लिए तरसते और उसके लिए भटके लोगों के चित्र आपकी ही लीला थी? नोटबंदी से लेकर जीएसटी और फिर देशव्यापी लॉकडाउन में जो लोग अपनी अपनी देह से मुक्त हुए क्या वह भी आपकी कोई रचना थी? आपका ये ‘कंविक्शन’ कितनी लाशों के बाद पूरा होगा, हुजूर?
Read Moreकोई कहता है कि बनारस विकास कर रहा है, तो मैं दावे से कहता हूं कि वह बनारस को नहीं जानता है। बनारस के ऐतिहासिक प्रतीकों को आज संरक्षण की जरूरत है, लेकिन धार्मिक नगरी का सर्टिफिकेट देकर इसके ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व को हमेशा कमतर किया जाता रहा है। बीते तीन-चार साल में बाकायदे इन प्रतीकों का विध्वंस हुआ है विकास के नाम पर।
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