![](https://junputh.com/wp-content/uploads/2023/02/Stone_bas_relief_at_Banteay_Srei_in_Cambodia-348x215.jpg)
यह तुलसीदास का पुनर्पाठ है या आत्महीनता से उपजा कुपाठ?
समस्या यह है कि गंगोत्री से चली गंगा को हम लोग कानपुर, प्रयागराज, पटना इत्यादि तमाम शहरों की भयंकर गंदगी से लैस कर देते हैं और फिर उसी पानी को निकालकर कहते हैं कि देखो जी, गंगा तो गंदी है।
Read More