दो तूफानों ने की मानसून की रफ्तार कम, और गहराएगा जलवायु परिवर्तन व चक्रवातों का असर

इससे पहले मौसम के मॉडल मानसून के सही समय पर पहुंचने का इशारा देते थे। कभी-कभी तो मानसून एक-दो दिन पहले ही दस्तक दे देता था, मगर इस बार बंगाल की खाड़ी में आए चक्रवाती तूफान यास का निर्माण ऐसे वक्त पर हुआ जब मानसून आने का समय था। इस तूफान की वजह से मानसून की लहर ठहर गयी।

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यास और तौकते: चक्रवाती तूफानों के बनने का कारण और हानियां

तूफ़ान के कारण ओडिशा और पश्चिम बंगाल राज्य ख़ासे प्रभावित हुए हैं। ओडिशा में बालासोर, भद्रक, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा प्रभावित हुए हैं तो वहीं पश्चिम बंगाल के दक्षिणी और उत्तरी 24 परगना, दिगहा, पूर्वी मिदनापुर और नंदीग्राम पर बहुत असर पड़ा है। कोलकाता के 13 निचले इलाक़ों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हुए। ओडिशा ने अपने यहां पर 5.8 लाख लोगों को और पश्चिम बंगाल ने 15 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।

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लगातार चौथे साल अरब सागर से उठा चक्रवात, शाम तक गुजरात तट से टकरा सकता है तौकते

लगातार चार साल से अरब सागर में, मानसून से पहले, भीषण चक्रवाती तूफ़ान जन्म ले रहे हैं। फ़िलहाल यह तूफान मज़बूत होता जा रहा है और अपनी गति से गुजरात एवं केंद्रशासित प्रदेश दमन दीव एवं दादरा नगर हवेली की ओर बढ़ रहा है।

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