कोरोना के बाद क्या ‘विश्वग्राम’ की परिकल्पना यथावत बनी रहेगी? ललित सुरजन का अनुत्तरित सवाल
उनका आखिरी संपादकीय 9 अप्रैल, 2020 को कोरोना पर आया था। इस संपादकीय में उन्होंने कोरोना के बाद बनने वाली दुनिया को लेकर कुछ गंभीर सवाल उठाये थे। ये सवाल अब भी अनुत्तरित हैं। जनपथ अपने समय के इस महान संपादक प्रकाशक को श्रद्धांजलि देते हुए उनके सम्मान में उनका 9 अप्रैल को छपा संपादकीय पुनर्प्रकाशित कर रहा है।
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