बात बोलेगी: एक सौ चालीस करोड़ की सामूहिक नियति के आर-पार एक ‘थार’

क्या लगता है कि थार में केवल देश के गृह राज्यमंत्री का बेटा बैठा था जो उसे चला रहा था? या यह महज एक आकस्मिक घटना थी? या यह एक एक्सीडेंट था? या इस घटना को अंजाम देते वक़्त और उसके बाद के कार्य-कारणों का आकलन नहीं किया गया था? सब कुछ किया गया था। ध्यान से देखें तो थार उस जन्मकुंडली के रूप में बदलती हुई दिखलायी देगी जो हमारी नियति को गढ़ने के लिए बनायी गयी है।

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बात बोलेगी: बिगड़ा हुआ है रंग जहान-ए-ख़राब का…

मौसम पर ये तोहमत लगती है कि एक-सा नहीं रहता। माशूकाएं अपने आशिक पर ये संदेह करती रहती हैं कि ‘मौसम की तरह तुम भी बदल तो न जाओगे’? मौसम …

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अगले छह महीने के लिए नगालैंड फिर से ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित

अशांत क्षेत्र घोषित किए जाने के बाद राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने का जिम्मा सशस्त्र बलों को मिल जाता है. वहीं, एएफएसपीए के तहत सैन्य बल अशांत इलाकों में अपने विशेष अधिकारों का इस्तेमाल कर सकते हैं.

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