छत्‍तीसगढ़: नीलाम होने वाली कोयला खदानों की लिस्‍ट बदलने के नाम पर धोखा हुआ है!

रिपोर्ट की मानें तो कोयला खदानों और इससे संबंधित गतिविधियों (ताप बिजली संयंत्र, वाशरी, राखड निपटान आदि) के कारण इस इलाके के अत्‍यधिक प्रदूषित होने के दस्‍तावेजी ढेरों प्रमाण उपलब्‍ध हैं और इस इलाके की 9 खदानों को नीलामी में शामिल करना राष्‍ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश का स्‍पष्‍ट उल्‍लंघन है।

Read More

मौजूद नीतियों के चलते आदिवासियों की सभ्यता-संस्कृति का विलोपन एक अनिवार्य परिणति है!

अप्रैल से लेकर जून तक का समय माइनर फारेस्ट प्रोड्यूस (लघु वन उत्पाद) को एकत्रित करने का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। वर्ष भर एकत्रित होने वाले कुल एमएफपी का लगभग 60 प्रतिशत इसी अवधि में इकट्ठा किया जाता है किंतु दुर्भाग्य से कोविड-19 की रोकथाम के लिए लॉकडाउन भी इसी अवधि में लगाया गया।

Read More

पंचतत्व: बोल मेरी बिजली कितना पानी

विदर्भ में ताप बिजलीघरों को पानी देने पर एक रिपोर्ट गैर-सरकारी संगठन ग्रीनपीस ने भी दी है. संस्था के मुताबिक, 2003 से 2011 के बीच 3988.7 करोड़ क्यू. मी. पानी तापबिजली घरों की दी जा चुकी है और इससे करीबन 79,774 हे. खेतों को सींचा जा सकता था. विदर्भ में आत्महत्याओं के सिलसिले को कृषि समस्या और सिंचाई की कमी से जोड़ा जाता रहा है. खासकर जिन जिलों में किसान आत्महत्याएं अधिक संजीदा रुख अख्तियार किए हुए है वहां कोयला आधारित ताप बिजलीघरों को मंजूरी देना अतार्किक सा लगता है.

Read More

आज से शुरू हुई लाखों कोयला मजदूरों की हड़ताल का समर्थन हर देशभक्त को क्यों करना चाहिए?

जिन लोगों ने ‘गैंग्स ऑफ़ वासेपुर’ नामक फिल्म देखी होगी उसने यह पाया होगा कि कोयले के राष्ट्रीयकरण के पहले कैसे गुलामों की तरह कोयला मजदूरों की जिंदगी थी। इस बात को अस्सी के दशक में बनी फिल्म ‘काला पत्थर’ में भी दर्शाया गया है। इन गुलामी के दिनों की वापसी के खिलाफ कोयला मजदूरों की यह तीन दिवसीय हड़ताल है जो आज से शुरू होकर 4 जुलाई तक चलेगी।

Read More

जिन आदिवासियों की ज़मीन में से कोयला निकाला जाना है, वार्ता की मेज़ से वे गायब क्यों हैं?

किसी को यह याद दिलाने की आवश्यकता नहीं है कि आदिवासी सबसे अधिक हाशिये के समुदायों में से हैं। वे भारत की 1.3 बिलियन की आबादी का मात्र 8 प्रतिशत बनाते हैं, लेकिन पिछले दशकों में विकास परियोजनाओं द्वारा विस्थापित 60 मिलियन लोगों में से लगभग 40 प्रतिशत आदिवासी ही हैं। उनमें से केवल 25 प्रतिशत का ही पुनर्वास हुआ है, लेकिन किन्हीं को भी उनका पूरा अधिकार नहीं मिला है।

Read More

कोल ब्लॉक नीलामी के खिलाफ़ कोयला श्रमिकों की 2-4 जुलाई को तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल

किसान सभा ने कोयला के व्यावसायिक खनन का प्रदेश के आदिवासी समुदायों पर पड़ने वाले सामाजिक और पर्यावरणीय दुष्प्रभाव, जैव विविधता और समृद्ध वन्य जीवों के विनाश, राज्यों के अधिकारों और संविधान की संघीय भावना के अतिक्रमण तथा अंतर्राष्ट्रीय पेरिस समझौते की भावना के उल्लंघन को देखते हुए इसके कानूनी पहलुओं पर झारखंड सरकार की तरह छत्तीसगढ़ सरकार को भी कोर्ट में चुनौती देने की अपील की है।

Read More

बात बोलेगी: बेग़म सावधान! मिर्ज़ा कल हवेली का सौदा करने जा रहा है…

गुलाबो सिताबो 12 जून को रिलीज़ हुई बहुचर्चित और बहुप्रशंसित फिल्म है जो प्राइम वीडियो पर दर्शकों के लिए उपलब्ध है। इसमें एक आलसी, लालची, काइयाँ किस्म का व्यक्ति है …

Read More

कोरोना की आपदा के बीच कोल ब्लॉक की नीलामी किसको आत्मनिर्भर बनाने के लिए है?

कोरोना की आपदा को क्या खनन कंपनियों के लिये अवसर में बदलने की तैयारी चल रही है? कोल ब्लॉक को लेकर केंद्र सरकार जो कुछ करने जा रही है, उससे …

Read More