चम्बल वीरान है, अब शिक्षा और सेहत में लूट का सामान है!

डकैतों की इन औलादों ने तरह-तरह के पेशे अपना लिए हैं। कुछ ने चिकित्सा के पेशे को चुना है तो कुछ वकील बन बैठे हैं। कुछ ने पैथोलोजिकल लैब खोल ली है तो कुछ ने शिक्षा के धंधे को अपना लिया है। राजनीति में भी इन्हें देखा जा सकता है। गरज़ यह कि जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं बचा है जहाँ यह नहीं पाए जाते हों या जहाँ इनका दबदबा न हो।

Read More