बाल दिवस पर बच्चों के ‘चाचा’ की एक याद

नेहरू जी ने अपने पत्र में बेटी इंदु को एक पत्थर के छोटे टुकड़े की कहानी लिखी थी. कैसे एक बड़ा चट्टान अपनी यात्रा में घिसते हुए नदी में बहते हुए छोटा रूप पाया था. दरअसल, छोटा होने पर ही कोई चट्टान हथेली पर आ सकता है.

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स्कूली बच्चे: डिजिटल असमानता से डिजिटल विभाजन तक

ऑनलाइन शिक्षा’ की होड़ ज़मीनी स्तर पर महाराष्ट्र के पालघर जिले के तलासरी जैसे ग़रीब आदिवासी क्षेत्र में कैसी दिखती है? पारी ने पड़ताल की कि यह पहले से ही गंभीर असमानताओं को कैसे आगे बढ़ा रही है

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