संक्रमण काल: बिग-टेक के रहमो-करम पर देशों की संप्रभुता और स्वतंत्र पत्रकारिता

एक ओर जहां बड़ी टेक-कंपनियां दुनिया की किसी भी सरकार से अधिक ताकतवर हो गई हैं, जिनका मुकाबला करना किसी संप्रभु राष्ट्र के लिए भी मुश्किल हो गया है। वहीं दूसरी ओर जो कानून बनते हैं, उनके पीछे किसी निहित स्वार्थ वाले समूह की लॉबिंग काम कर रही होती है। लोकतंत्र के जिस चौथे खंभे को मजबूत करने के नाम पर इस तरह के कानून बनाए जाते हैं, उनका मकसद कुछ बड़े मीडिया संस्थानों को लाभ पहुंचाना होता है, चाहे वे कैसी भी पत्रकारिता कर रहे हों।

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जलवायु परिवर्तन की शामत लाएगी वाइट हाउस में बिडेन की आमद

तय है कि बिडेन न सिर्फ अमेरिका को पेरिस समझौते में फिर से शामिल कराने के अपने वादे को पूरा करेंगे, बल्कि यह भी साफ़ दिख रहा है कि पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन से लड़ाई का नेतृत्व भी वो करने से चूकेंगे नहीं।

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