हर्फ़-ओ-हिकायत: जाति-वर्चस्व के खांचे में आजादी के नायकों को याद करने की राजनीति

मजिस्ट्रेट ने नाम पूछा तो तिवारी जी ने कहा- आजाद! मजिस्ट्रेट ने पूछा पिता का नाम तो तिवारी जी ने कहा- स्वतंत्रता! अब मजिस्ट्रेट ने पूछा घर का पता? तिवारी जी ने कहा- जेलखाना। तिवारी जी तब से चंद्रशेखर आजाद हो गए, लेकिन सौ साल बाद सोशल मीडिया के क्रांतिकारियों ने उन्हें तिवारी जी और पंडित जी घोषित कर दिया।

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