एक गंदगी-प्रधान देश में गरीबों की इम्यूनिटी का मध्यवर्गीय मिथ

गरीबी और गंदगी में एक घनिष्ठ संबंध बनता है। लोग झुग्गी-झोंपड़ियों में रहते हैं, गंदे नालों के किनारे रहते हैं, कचरा फेंकने वाली जगहों पर रहते हैं, पानी जमा होने वाले निचले स्थानों पर रहते हैं, गाय-भैंसों के साथ रहते हैं, सुअरों और भेड़-बकरियों के साथ रहते हैं। जाहिर है राजी खुशी तो वे वहाँ नहीं रहते, मजबूरी में ही रहते हैं पर वातावरण के हिसाब से अपने को ढाल लेते हैं।

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