बात बोलेगी: बेग़म सावधान! मिर्ज़ा कल हवेली का सौदा करने जा रहा है…

गुलाबो सिताबो 12 जून को रिलीज़ हुई बहुचर्चित और बहुप्रशंसित फिल्म है जो प्राइम वीडियो पर दर्शकों के लिए उपलब्ध है। इसमें एक आलसी, लालची, काइयाँ किस्म का व्यक्ति है …

Read More

राग दरबारी: क्या एक समाजशास्त्री की व्याख्या हमेशा निष्पक्ष होती है?

पिछले हफ्ते समाजशास्त्री प्रोफेसर बद्री नारायण ने बीबीसी हिन्दी की वेबसाइट पर एक लेख लिखा जिसका शीर्षक था- ‘कोरोना वायरस ने भारत से जाति की दीवार को ढहा दिया है?’ …

Read More

तन मन जन: लॉकडाउन-अनलॉक के चक्‍कर में ‘जात भी गयी और भात भी नहीं खाया’!

लॉकडाउन के कई चरण के बाद ‘‘अनलॉक’’ की रणनीति देश पर भारी पड़ रही है। अब भारत दुनिया के उन 15 देशों में प्रमुख है जहां पर सबसे ज्यादा कोरोना …

Read More

देशान्‍तर: फ़िलिपींस में बढ़ता राष्ट्रवाद और बाहुबली राष्ट्रपति दुएर्ते की अजब दास्ताँ

इस कॉलम के माध्यम से भारत के बाहर चल रहे संघर्षों, मुद्दों, वहां की राजनैतिक परिस्थिति और दुनिया भर में बढ़ रही उदारवादी और दक्षिणपंथी ताक़तों को भारतीय मानस में …

Read More

दक्षिणावर्त: हमारे यहां अमेरिका या ब्रिटेन से भी बड़े बलवे घात लगाए बैठे हैं…

हमारे प्रधानसेवक ने कहा, ‘आपदा में अवसर है’। मैंने सुना, ‘आपदा ही अवसर है’। अमेरिकी लोगों ने सुना, ‘आपदा का अवसर है’। फिर, यहां से वहां तक सब जुट गए …

Read More

बात बोलेगी: स्मृतियाँ जब हिसाब मांगेंगीं…

एक ज़िंदगी कई घटनाओं का बेतरतीब संकलन होती है। हर रोज़ कुछ घटता है। उस घटने को लोग देखते हैं, महसूस करते हैं, उसके अच्छे-बुरे परिणाम भुगतते हैं। घटनाएँ बीत …

Read More

तन मन जन: COVID-19 ‘वैश्वीकरण का रोग’ है जहां चिकित्सक की भूमिका पुलिस को सौंप दी गयी है!

भारत में जन स्वास्थ्य कभी मुख्य मुद्दा रहा ही नहीं! न तो सरकार और राजनीतिक पार्टियों के लिए और न ही जनता के लिए। “विकास” का नाम लेकर देश में …

Read More