
कामेश्वर-कैलू की ज़िंदगी और मुकेश की मौत में देखिए प्रवासी मजदूरों की पीड़ा का अक्स
कोरोना तात्कालिक एक महासंकट है मगर भूख तो एक स्थायी संकट है. कोरोना का संकट समय के साथ कम होता ही जाएगा, क्योंकि इससे बड़ों-बड़ों को अरबों का जो नुकसान जो हो रहा है और वो नहीं चाहेंगे उनका नुकसान इसी तरह होता रहे.
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