राग दरबारी: क्या राजद का बीजेपी से गठबंधन संभव है?

अगर राजद और बीजेपी के बीच सचमुच कुछ पक रहा है या चुनाव के बाद भी किसी तरह का गठबंधन होता है तो यह सामाजिक औऱ लोकतांत्रिक राजनीति की पिछले तीस वर्षों में सबसे बड़ी हार होगी और निजी तौर पर लालू यादव की सांप्रदायिकता व फिरकापरस्ती के खिलाफ एक नायक के रूप में बनी छवि भी टूटेगी.

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तन मन जन: कोरोना वायरस संक्रमण की विभीषिका और दवा व्यापार का खेल

अलग-अलग देशों में ID2020 को लागू करने के लिए अलग-अलग संस्थाओं को चुना गया है लेकिन भारत में यह रिलायन्‍स जियो के द्वारा किया जा रहा है।

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देशान्तर: हिंसा और खंडित शांति समझौतों के बीच कोलंबिया में बदलाव की लहर

उम्मीद थी कि इस शांति समझौते के बाद इस लम्बे हिंसक संघर्ष का खात्मा होगा जिसमें लगभग 2,60,000 लोगों की जान गयी और क़रीब 7० लाख लोग विस्थापित हुए लेकिन आज भी कोलंबिया शांति से कोसों दूर है। आज यह पर्यावरण और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के लिए सबसे खतरनाक स्थानों में से एक है।

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गाहे-बगाहे: वो फ़िराक़ और वो विसाल कहाँ…

मुझे लगता है कि हमारी चुरा ली गई संवेदना और हड़प ली गई आज़ादी ने हमें इतना पंगु तो बनाया ही है कि विज्ञान और गणित के बावजूद और टेक्नोलाजी के भयंकर विस्तार के बाद भी हमारा कोई मूल्यवान तत्व खो गया है. हम वास्तव में चुप हो गए हैं.

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दक्षिणावर्त: प्रवासी नेपाली का सिर मूंडने वाले चिंदीचोर और तोगड़ि‍या का सबक

हिंदुओं के किसी भी धर्मग्रंथ में किसी भी व्यक्ति को जबरन धर्मांतरित करने, हिंसा करने या भगवान के नाम पर लूटमार करने की कोई भी बात नहीं लिखी गयी है। यह भीड़ जो हिंसा करती है, इस वक्त के ब्लॉगजीवी/क्षणजीवी समय में सुर्खियों में आने की, उसकी कवायद भले पूरी हो जाती है, लेकिन वह हिंदुओं का कितना बड़ा नुकसान कर जाते हैं, यह उनको पता ही नहीं है।

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पंचतत्व: क्योंकि पर्यावरण के नाम पर हिंदुस्तान में वोट नहीं मिलते…

जुलाई, 2014 से जून 2020 के बीच मंत्रालय को पर्यावरणीय मंजूरी के लिए कुल 2,592 प्रस्ताव मिले और सरकार ने इनमें से 2,556 को मंजूरी दे दी. 2015 के बाद से 409 वर्ग किमी जंगल विभिन्न परियोजनाओं के वास्ते आवंटित किया जा चुका है.

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आर्टिकल 19: लोकतंत्र का मुंडा हुआ सिर और लोकभवन के सामने झुलसती लोकलाज

गुड़िया और सोफिया इसी विकास के झुलसे हुए चेहरे हैं। यह विकास की व्यवस्था में न्याय की हालत की तस्वीर है। गुड़िया ने पुलिस को बताया है कि एक विवाद में गांव के दबंगों ने उसकी मां पर हमला कर दिया। मामला अमेठी के जामो थाने पहुंचा, लेकिन थानेदार से पहले विकासवादी दबंग पहुंच गए।

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जनपथ पर आ रहे हैं “गाँव के लोग” के संपादक रामजी यादव हर इतवार

ज़मीन और गांव से जुड़े, अपने किस्‍म की अनूठी भाषा में लिखने वाले, कहानीकार और ‘गांव के लोग’ पत्रिका के सम्‍पादक रामजी यादव अब जनपथ से जुड़ रहे हैं। आगामी …

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डिक्टा-फिक्टा: चीन, रूस और ईरान की उभरती तिकड़ी के बीच अमेरिकी पाले में भारत

ईरान ने यह स्पष्ट किया है कि चाबहार रेल परियोजना को लेकर भारत से कोई क़रार ही नहीं हुआ था, सो क़रार टूटने का सवाल नहीं है. तकनीकी रूप से यह बात सही है

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बात बोलेगी: सहृदय बनाने के सारे प्रशिक्षण केन्द्रों पर जबर ताले लटके हुए हैं!

मारे जीवन में राजनीति के विराट रंगमंच पर अब ऐसे सहृदय प्रेक्षकों की भारी कमी होती जा रही है। इसीलिए राजनीति के नाटक का पूरा संचालन एक निर्देशक के हाथों में आ गया है। हमने दखल लेने की अर्हताएँ खो दी हैं। अब हम केवल दर्शक हैं। जो दिखाओ, हम देख लेंगे। जो सुनाओ, हम सुन लेंगे।

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