बात बोलेगी: संस्कृति के काक-तालीय दर्शन में फंसी राजनीति

ऐसे मौलिक समाधान पेश करने के लिए कायदे से दुनिया को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के प्रति समवेत स्वर में कृतज्ञता ज्ञापित करना चाहिए, लेकिन हुआ इसके उलट क्योंकि हसदेव अरण्य में बसे आदिवासी भी प्रामाणिक रूप से छत्तीसगढ़ के नागरिक हैं और वे भी इस दिन की महिमा से परिचित होते ही मुख्यमंत्री के आह्वान पर अपने हसदेव जंगल को, उसकी मिट्टी को, उसकी ज़मीन को, उसके जल को और उसमें बसे वन्यजीवों की रक्षा के लिए सौगंध खाते हैं। यह अनुपालन मुख्यमंत्री को बेचैन कर देता है क्योंकि मिट्टी-पूजन के बहाने वो जंगल उजाड़ने का आह्वान कर रहे थे, लेकिन इस जंगल के आदिवासियों ने उनके आह्वान को वाकई सच्चा मान लिया।

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तिर्यक आसन: बाल बंदर का काटा कुर्की माँगता है!

अदालत के निर्देश पर पुलिस और नगर निगम की संयुक्त टीम ने हल्की मुठभेड़ के बाद बंदर को अपने शिकंजे में लिया और अदालत में पेश किया। अदालत ने बंदर से उसके द्वारा की जा रही अमानवीय हरकत का सबब पूछा। बंदर ने कहा- माई बाप! पहले मैं ऐसा नहीं था। पहले मैं सिर्फ चिढ़ाने वालों को ही काटता था। एक दिन मुझे एक कुत्ते ने काट लिया। उसके बाद मैं सबको काटने लगा। सारा दोष तो उस कुत्ते का है, जिसने मुझे काटा।

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तिर्यक आसन: धर्म और राष्ट्रहित के उचक्के

आवारा भीड़ को कहीं पाकिस्तान का नमक तो नहीं खिलाया जा रहा? बिरयानी बिना नमक के खाई थी? जनता ने पाँच किलो राशन के पैकेट में मिले नमक का कर्ज चुकाया। क्या पाकिस्तान के नमक का कर्ज भी चुकाना होगा?

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बात बोलेगी: लोकतंत्र का ‘बुलडोज़र’ पर्व

देश के अलग अलग हिस्सों में पाये जाने वाले बुलडोजरों को देखते हुए तो यही लगता है कि देश का विकास अगर कल को वाकई होता है तो उसमें किसी भी सरकार से ज़्यादा और बड़ा योगदान बुलडोज़र का ही होगा। विकास के कई-कई मकसदों और उद्देश्यों में बुलडोजर की सार्वभौमिक उपस्थिति ही अब एक मात्र सत्य है।

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तिर्यक आसन: आधुनिक गुरु-शिष्य पुराण

शिष्य था। उसका अपराधीकरण रोकना मेरा फर्ज था। साथ ही सनसनी को सन्नाटे में भी डालना था। मैंने सोचा- सनसनी से मुक्ति पाने के लिए ये अपने अपराधीकरण के रास्ते पर काफी आगे बढ़ चुका है। इसे वापस नहीं लाया जा सकता। ये किया जा सकता है, इसका राजनैतिक अपराधीकरण करना होगा। इसे दिल्ली से बनारस लाना होगा। वाया लखनऊ।

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बात बोलेगी: अच्छाई और ताकत के बीच नितांत अकेला और शांत खड़ा हसदेव अरण्य

हसदेव, जो एक अरण्य है और ऐसा अरण्य है जिसके ऊपर मध्य भारत की हवा, बारिश और तापमान में संतुलन बनाने की महती ज़िम्मेदारी है, इसका मानवीकरण करते हुए अक्सर इसे मध्य भारत के फेफड़े तक कहा जाता है। आज उन्हीं ताकतवरों को यह कहने की कोशिश कर रहा है कि अपनी ताक़त का इस्तेमाल हमें उजाड़ने के लिए मत करो।

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बात बोलेगी: शामतों के दौर में…

ऐसे में नित नूतन अभियानों को अनवरत चलाना बड़ा पेचीदा और श्रमसाध्य काम होता जा रहा है। इस तरह की कठिन और व्यस्त परिस्थितियों में अक्सर मोर्चे पर जगहँसाई जैसी स्थिति भी बन जा रही है। आज ही मामला देखो तो, इस फौज को सिवा जगहँसाई के कुछ हासिल होता नहीं दिख रहा है।

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तिर्यक आसन: सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का मुकदमा दर्ज करने के नायाब नुस्खे

रिश्वत देकर मुआवजा लेने वालों के खिलाफ रिश्वत देने का अभियोग बनता है। बनता है, पर शिकायतकर्ता के साथ वही होगा- सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में आपको गिरफ्तार किया जाता है- सरकार देश के सभी गाँवों का विकास तुम्हारे गाँव की तरह करना चाहती है। तुमसे विकास बर्दाश्त नहीं हो रहा है?

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तिर्यक आसन: वर्ण-व्यवस्था में 80:20 के परजीवी कीड़े का अपराधबोध

हाल ही में केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को हेट स्पीच मामले में अपनी दलीलों के माध्यम से क्लीन चिट देते हुए न्यायाधीश ने कहा, ‘मुस्कुराकर कही गई कोई बात अपराध नहीं।’ ये लिखते हुए मैं मुस्कुरा रहा हूँ या नहीं, ये आप नहीं देख पा रहे हैं। जब दृश्य-श्रव्य रूपांतरण करूँगा, तब मुस्कुराते हुए पढूँगा। आप भी मुस्कुरा रहे हैं क्या, विभांशु नामक कीड़े को पढ़कर?

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पंचतत्व: पाँच साल के भीतर बहुत महंगी पड़ने वाली है ये गर्मी!

यूनिवर्सिटी ऑफ मेइन्स क्लाइमेट रीएनालाइजर के मुताबिक शुक्रवार को अंटार्कटिका महादेश का औसत तापमान 4.8 डिग्री सेंटीग्रेड था जो 1979 और 2000 के बीच के बेसलाइन तापमान से कहीं अधिक था। पूरा आर्कटिक वृत्त भी 1979 से 2000 के बीच के औसत से 3.3 डिग्री सेंटीग्रेड अधिक गर्म रहा।

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