शहर में एक दबंग आदमी और एक बाल बंदर की लड़ाई हो गई। दबंग आदमी ने अपना मेडिकल कराया और बाल बंदर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया। पुलिस ने बाल बंदर को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। अदालत ने बाल बंदर से इंसान को काटने का कारण पूछा। बाल बंदर ने कहा- हुजूर! पहले आदमी ने मुझे चिढ़ाया; तब मैंने उसे काट खाया।
बाल बंदर का पक्ष सुन और दबंग आदमी की झुकी गर्दन से मिल रही सहमति देख अदालत ने फैसला सुनाया। आदमी को ऐसी हरकत दोबारा नहीं करने की चेतावनी और बाल बंदर को कान पकड़कर दस बार उठक-बैठक करने का आदेश दिया।
इस मुकदमे के निपटारे के कुछ साल बाद शहर में एक बंदर ने आतंक मचाया और कई आदमियों को काट खाया। शहर में चारो तरफ त्राहिमाम-त्राहिमाम की आवाजें गूँजने लगीं। शहर में उठ रही इंसानी वेदना की आवाजों को सुन अदालत का दिल पसीज गया। अदालत ने बंदर द्वारा किये जा रहे शांतिभंग को स्वतः संज्ञान में लिया और पुलिस को उस बंदर को पकड़कर अदालत में हाजिर करने का निर्देश दिया।
अदालत के निर्देश पर पुलिस और नगर निगम की संयुक्त टीम ने हल्की मुठभेड़ के बाद बंदर को अपने शिकंजे में लिया और अदालत में पेश किया। अदालत ने बंदर से उसके द्वारा की जा रही अमानवीय हरकत का सबब पूछा। बंदर ने कहा- माई बाप! पहले मैं ऐसा नहीं था। पहले मैं सिर्फ चिढ़ाने वालों को ही काटता था। एक दिन मुझे एक कुत्ते ने काट लिया। उसके बाद मैं सबको काटने लगा। सारा दोष तो उस कुत्ते का है, जिसने मुझे काटा।
बंदर की बात सुन अदालत ने उस कुत्ते को तत्काल गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने का कड़ा आदेश दिया। बंदर द्वारा बताये गए हुलिये के आधार पर कुत्ते का स्केच बनाया गया। शहर में दीवारों पर और अखबारों में कुत्ते की फोटो के साथ वांटेड का इश्तेहार दिया गया।
कुछ दिन बाद मुखबीर ने शहर छोड़ जंगल में रह रहे वांछित कुत्ते का सुराग दिया। मुखबीर द्वारा दी गई सूचना के आधार पर पुलिस और नगर निगम की संयुक्त टीम ने जंगल में अपना जाल बिछाया और घंटों चली मुठभेड़ के बाद कुत्ते को गिरफ्तार कर लिया। मुठभेड़ के दौरान दोनों तरफ से जबरदस्त तू-तू भौं-भौं हुई।
पुलिस और नगर निगम की संयुक्त टीम की कड़ी सुरक्षा के बीच कुत्ते को अदालत में पेश किया गया। अदालत ने कुत्ते से बंदर को काटने का कारण पूछा। कुत्ते ने बताया- मी लार्ड! पहले मैं भी आदमियों के बीच पालतू बनकर रहता था। किसी को नहीं काटता था। मेरे दबंग मालिक ने पता नहीं क्या खिलाया कि मेरा मानसिक संतुलन बिगड़ गया। एक दिन अपने मालिक को काटा तो मालिक ने घर से भगा दिया। उसके बाद एक बंदर को काटा तो बानरी झुंड ने मुझे जंगल में खदेड़ दिया। जंगल की शुद्ध हवा खाकर मेरा मानसिक स्वास्थ्य ठीक हो रहा था, तभी मेरी गिरफ्तारी हो गई।
आरोपियों की संख्या बढ़ती जा रही थी। मुक़दमे की गुत्थी उलझती जा रही थी। अदालत ने सबके साथ न्याय करने के लिए कुत्ते से उसके मालिक का पता पूछा। कुत्ते ने नाम-पता बता दिया। सिर्फ पिन कोड नहीं बता सका।
शुद्ध फ़कीर, संकर फ़कीर और साइलेन्ट फ़कीर
कुत्ते द्वारा बताये नाम पते पर मालिक को अदालत में हाजिर होने का सम्मन भेजा गया। मालिक अदालत में हाजिर हुए। अदालत ने कुत्ते के खाने के बारे में पूछा। मालिक बोले- योर ऑनर! जो रोटी मैं खाता था, वही रोटी कुत्ते को भी खिलाता था। मेरा मानसिक स्वास्थ्य खराब नहीं हुआ; पर कुत्ते का हो गया। जिस धरती में अन्न उगता है, जरूर उसी में कोई खराबी है।
मालिक का बयान सुन केस की गुत्थी सुलझने की उम्मीद में अदालत की आँखें चमक उठीं। कुत्ते, बंदर और मालिक को कैद रखने के साथ अदालत ने पृथ्वी के हाजिर होने की तारीख घोषित की। एक के बाद एक तारीखें गुजरती रहीं, पृथ्वी अदालत में हाजिर नहीं हुई। पृथ्वी द्वारा की जा रही अपनी अवमानना से आहत होकर अदालत ने पृथ्वी की कुर्की का आदेश दिया।
एक बार शुरू हुई कुर्की अब तक जारी है। न्याय का इंतजार करते-करते कैद में ही बंदर और कुत्ते की मृत्यु हो गई। दबंग आदमी पोषण से भरपूर पेरोल की हवा खा रहा है। पहले से ही अपने सीने में अनगिनत जख्मों को दबाए पृथ्वी सोच रही है- मैं अदालत में हाजिर होने गई तो प्रलय आ जायेगी।