कोरोना महामारी में आख़िर मजदूरों की स्थिति इतनी बदतर क्यों हैं?

मजदूरों पर केंद्र या राज्य सरकारों की असफल, जनविरोधी नीतियों और प्रशासन की मार को रोक पाना फिलहाल असंभव है

Read More

घर लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिए लैंड बैंक और भूमि का डिजिटलीकरण दो बाधाएं हैं

हमारे प्रवासी कामगारों को जीवनयापन करने के लिए अधिक से अधिक भूमि की आवश्यकता है, लेकिन यहां तो मौजूदा भूमि को भी भयावह तरीके से लूटा जा रहा है। ऐसे में प्रवासियों को उनका हक कैसे मिले?

Read More

मध्य प्रदेश में ‘सरकारात्मक पत्रकारिता’ का कोरोना-कालीन मुजरा

कुछेक अपवाद को छोड़कर इन दिनों लगभग सभी अखबार कोरोना महामारी को लेकर सारी खबरें वैसी ही छाप रहे हैं जैसा सरकार चाहती है

Read More

बहुत पहले से तैयार हो रही थी मजदूरों के हित वाले ‘कानून के जंगल’ काटने की ज़मीन!

अपनी संवेदनहीनता के चरम पर जाते हुए कई राज्य सरकारों ने श्रम कानूनों को खत्म करने के अवसर के रूप में इस संकट का इस्तेमाल किया है

Read More

दो-तिहाई लोगों का छिना रोजगार, आधी आबादी के पास हफ्ते भर जीने का पैसा नहीं: सर्वे

सर्वे में स्व-रोजगार, दिहाड़ी मजदूर और नियमित वेतन/वेतनभोगी कर्मचारियों की स्थिति का अध्ययन किया गया है

Read More

“अब कभी नहीं लौटेंगे, गांव में ही देखेंगे काम”: बनारस में छलका पुरबिया प्रवासियों का दर्द

वाराणसी के चौबेपुर क्षेत्र से गुजरने वाले वाराणसी-गाजीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर विगत रविवार से ही प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या दिख रही है

Read More

इंदौर: आगरा-मुंबई हाइवे से प्रवासियों के महापलायन की कुछ स्याह दास्तानें

पिछले करीब डेढ़ महीने से खाली पड़ा प्रदेश का यह व्यस्ततम आगरा-मुंबई हाइवे आज पहले से भी अधिक चल रहा है।

Read More

लॉकडाउन का बहीखाता: 50 दिन में हमारा एक-तिहाई समय आभासी दुनिया निगल गयी!

क्या एक स्मॉर्टफ़ोन मे आपकी ज़िंदगी सिमट गयी है? क्या यह डिवाइस आपसे ज्यादा स्मार्ट है?

Read More

UP: लॉकडाउन ने तोड़ दी फूल उत्पादन की समूची आपूर्ति श्रृंखला और किसानों की कमर

तालाबंदी में पूरा समाज ठप हो गया, तो चेन टूट गयी। फूल खेतों में मुरझा गये। किसान तबाह हो गये।

Read More

नागरिक अधिकारों की प्राप्ति के लिए ज़रूरी है राज्य के साथ सही मुद्दों पर मोलभाव

मोलभाव करने के लिए हमें अपने हितों को समझना पड़ेगा, हमें समझना पड़ेगा कि राष्ट्रवाद, देशभक्ति, ईश्वर, अल्लाह, मंदिर, मस्जिद, सेना आदि के नाम पर हमें बरगलाया जा रहा है।

Read More