‘तानाशाह’ अपनी हार अंत तक स्वीकार नहीं करते!
अभी अंतिम रूप से स्थापित होना बाक़ी है कि डॉनल्ड ट्रम्प हक़ीक़त में भी राष्ट्रपति पद का चुनाव हार गए हैं। इस सत्य की स्थापना में समय भी लग सकता …
Read MoreJunputh
अभी अंतिम रूप से स्थापित होना बाक़ी है कि डॉनल्ड ट्रम्प हक़ीक़त में भी राष्ट्रपति पद का चुनाव हार गए हैं। इस सत्य की स्थापना में समय भी लग सकता …
Read Moreवाम विचार किस तरह पक्षपोषण करने वाले दिलफरेब तमाशों को अंजाम देता रहा है, अमेरिका की घटना के तुरंत बाद दुनिया भर में आयी प्रतिक्रियाओं को देखने से समझ में आता है।
Read Moreयूएस कैपिटल में हुई हिंसा के दौरान मारी गईं महिला की स्थानीय पुलिस ने पहचान कर ली है. बताया गया है कि मृतका का नाम एशली बैबिट था जो सैन डिएगो की रहने वाली थीं.
Read Moreसत्तापक्ष के इरादे साफ़ हैं- एकदलीय व्यवस्था, जिसकी ओर वह तेज़ी से अग्रसर है। बहुदलीय लोकतान्त्रिक व्यवस्था का मज़ाक सत्तापक्ष के नेतृत्व ने सदन के भीतर और बाहर भी उड़ाया है। साथ ही साथ उन्होंने खुलकर एकदलीय व्यवस्था का एलान भी किया जिसकी आलोचना विपक्ष ने जतायी भी।
Read Moreसमुद्र की लहर किसी भी शाही हुक्मनामे से ज्यादा ताकतवर होती है. इस सहज सी सचाई को समझाना उस समय का विवेक था. हमारे समय का विवेक आज कह रहा है कि किसानों का उमड़ा सैलाब संसद द्वारा पास किसी भी कानून से ज्यादा ताकतवर है.
Read Moreक्या एक समुदाय विशेष को निशाना बनाने में उनकी कथित भूमिका को लेकर तथा उनके हाशियाकरण को लेकर कभी हुक्मरानों को या उनसे संबंधित तंजीमों को कभी जिम्मेदार ठहराया जा सकेगा? क्या वह अपने इन कारनामों को लेकर कभी जनता से माफी मांगेंगे?
Read Moreसरकार ने अब अपने किसान संगठन भी खड़े कर लिए हैं। मतलब कुछ किसान अब दूसरे किसानों से अलग होंगे ! जैसे कि इस समय देश में अलग-अलग नागरिक तैयार किए जा रहे हैं। धर्म को परास्त करने के लिए धर्म और नागरिकों को परास्त करने के लिए नागरिकों का उपयोग किया जाता है।
Read Moreप्रधानमंत्री बारंबार संसद भवन को लोकतंत्र के मंदिर की संज्ञा देते रहे हैं किंतु मंदिर की भूमिका धर्म के विमर्श तक ही सीमित रहनी चाहिए। नए संसद भवन को तो स्वतंत्रता, समानता, न्याय और तर्क के केंद्र के रूप में प्रतिष्ठा मिलनी चाहिए।
Read Moreसहस्राब्दि के दूसरे दशक के शुरुआती वर्षों में मुद्दा आधारित विमर्श और आंदोलन को मध्यवर्ग का उत्सव बनाने का काम अन्ना हजारे-केजरीवाल की युति ने किया था, जब दिल्ली का खाया पीया अघाया सर्विस क्लास भ्रष्टाचार का वीकेंड विरोध आइसक्रीम खाते हुए करता था।
Read Moreकुरान के नियम केवल यह बताते हैं कि कोई धार्मिक-नैतिक सिद्धांत पैगंबर मोहम्मद साहब के जीवनकाल में सातवीं शताब्दी के अरब की तत्कालीन परिस्थितियों में किस प्रकार क्रियान्वित किया गया था। आज जब परिस्थितियां और संदर्भ पूरी तरह बदल चुके हैं तब उस समय बनाए गए नियम कानून उस मूल सिद्धांत को अभिव्यक्त नहीं कर सकते जिस पर ये आधारित हैं।
Read More