सियासत की बिसात पर मोहरे की चाल और जनता बेहाल

सत्तापक्ष के इरादे साफ़ हैं- एकदलीय व्यवस्था, जिसकी ओर वह तेज़ी से अग्रसर है। बहुदलीय लोकतान्त्रिक व्यवस्था का मज़ाक सत्तापक्ष के नेतृत्व ने सदन के भीतर और बाहर भी उड़ाया है। साथ ही साथ उन्होंने खुलकर एकदलीय व्यवस्था का एलान भी किया जिसकी आलोचना विपक्ष ने जतायी भी।

Read More

महाबंदी, महामारी, मज़दूर और मुग़ालते

ट्रोजन हॉर्स बनाये कौन? बन भी जाये तो हर खेमे में पलटू राम जैसे कई नेता हैं। फिर ये सारा खर्च उठाये कौन? वो भी तब, जब सारे धन का आभूषण पहने हाथी बैठा इठला रहा है।

Read More