बात बोलेगी: ‘लोकल’ से ‘बोकल’ को समझने की एक कोशिश!

लबरा और दौंदा में से किसी एक को अपनी ताकत सिद्ध करना थी या मुक़ाबला उनके बीच होना था। यहां तो एक ही व्यक्ति में दोनों मौजूद हैं।

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राग दरबारी: क्या सरकार इतनी अराजकता चाहती है कि अबकी आसानी से शहर वापस ही न जाएं मजदूर!

अगर सरकार चाहती तो आसानी से हर दिन पौने दो करोड़ लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचा सकती थी

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छान घाेंट के: ग्वांगजू जन-विद्रोह की याद क्यों ललकार रही है आज…

भारत को अपने जन विद्रोहों पर जन स्मारक बनाने और जन स्मृतियों में लाने का काम दक्षिणी कोरिया से सीखना चाहिए

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तन मन जन: सत्ता से लेकर सड़क तक कोरोना-काल में इतिहास रचती औरतें

अध्ययन और आंकड़े बता रहे हैं कि कई देश जहां महिलाएं शासन में हैं, वहां कोरोना संक्रमण से नुकसान तो हुआ लेकिन वह अन्य देशों की तुलना में काफी कम हुआ

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