दक्षिणावर्त: लोकतंत्र भी चाहिए और खूंटा भी वहीं गड़ेगा, ऐसे कैसे चलेगा?
वाम विचार किस तरह पक्षपोषण करने वाले दिलफरेब तमाशों को अंजाम देता रहा है, अमेरिका की घटना के तुरंत बाद दुनिया भर में आयी प्रतिक्रियाओं को देखने से समझ में आता है।
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वाम विचार किस तरह पक्षपोषण करने वाले दिलफरेब तमाशों को अंजाम देता रहा है, अमेरिका की घटना के तुरंत बाद दुनिया भर में आयी प्रतिक्रियाओं को देखने से समझ में आता है।
Read Moreउनके गांव कोई पोस्टर थोड़े ही लगा था कि यह जीव लुप्तप्राय है और इसको न मारें… और क्या गंगा की डॉल्फिन पर आपने उनकी किताबों में कुछ पढ़ाया था?
Read Moreकिसी नेता के पीछे चलती हुई भीड़ से सबसे पहली उसकी चेतना छीन ली जाती है। उसकी समझदारी छीन ली जाती है। उसकी आत्मा से इंसानियत के एहसास को मारकर उसके हाथ में थमा दिए जाते हैं पत्थर, लाठियां, गंड़ासे, गोलियां और बंदूकें।
Read Moreविज्ञान से बेवफ़ाई करने पर सदियों से हमारे सनातनी समाज का कुछ नहीं बिगड़ा, तो छह सौ साल एक बाद प्रकट हुए एक हिन्दू राजा के शासनकाल में विज्ञान की परवाह करने की कौन ज़रूरत आन पड़ी? देखा जाएगा जो होगा सो, लेकिन अभी हमें बनती हुई वैक्सीन के जल्दी से जल्दी बन जाने के लिए ही कामनाएं करनी हैं।
Read Moreक्या कारण है कि जिस राम मनोहर लोहिया के नाम पर वे राजनीति चला रहे हैं उनके बताये सप्तक्रांति के एक भी बिन्दु पर अखिलेश या तेजस्वी ने आंदोलन की बात तो छोड़ ही दीजिए, प्रदर्शन तक नहीं किया है। या फिर मायावती ने डॉ. आंबेडकर के बताये रास्ते पर कोई आंदोलन किया हो।
Read Moreभारत में जन स्वास्थ्य की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर आम लोगों को लग सकता है कि सरकार की यह पहल ‘‘स्वागतयोग्य’’ है लेकिन इसका निहित उद्देश्य और उसके पीछे का सच जानना भी जरूरी है।
Read Moreअगर आप कभी अहमदाबाद गये हों तो खूबसूरत दिखने वाले रिवरफ्रंट पर भी जरूर गये होंगे. क्या पता आपने नदी के पानी पर गौर किया या नहीं. जानकार कहते हैं कि साबरमती में बहने वाला पानी अत्यधिक प्रदूषित है.
Read Moreनया साल और मुंबई के दिन, जहां भीड़ कम है, अपार्टमेंट्स अधिक। लोग कम हैं, सोसायटियां अधिक। ऐसे ही अपार्टमेंट्स से वे ख़बरें छन कर आती हैं, जहां कोई लाश जब बदबू फैलाती है तो पुलिस उसे बरामद करती है। किसी अख़बार की बोसीदा ख़बर बनकर वह हम तक बयां होती है।
Read Moreतमाम दमन और उत्पीड़न के बावजूद इस नारे में भविष्य के लिए एक आश्वस्ति मिली कि भविष्य बेहतर होगा क्योंकि इस दमन को याद रखा जाएगा और उसका हिसाब लिया जाएगा और इस निज़ाम के बाद ऐसा निज़ाम नमूदार होगा जो इस दमन और उत्पीड़न को दोहराने की ज़ुर्रत नहीं करेगा।
Read Moreकोरोना वायरस के संक्रमण का डर जब भी कम होने लगता है तभी कोई न कोई तकनीकी डर खड़ा कर लोगों को दहशत में डाल दिया जाता है। यह अध्ययन का विषय है कि वायरस वास्तव में खतरनाक है या इसके डर को खतरनाक बना कर पेश किया जा रहा है।
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