UP: ‘मन की बात’ करने वाले को ‘किसानों की बात’ सुनाने के लिए बजायी गयी ताली, थाली और सूपा


अन्नदाता किसानों को अपमानित करने, आंदोलन पर दमन करने और आंदोलन के खिलाफ दुष्प्रचार करने के लिए रोज राष्ट्र को सम्बोधित करने वाले प्रधानमंत्री मोदी को अपने मन की बात करने की जगह भीषण ठंड में एक माह से दिल्ली के बाहर बैठे किसानों के मन की बात सुननी चाहिए। उन्हें किसानों की कानूनों की वापसी, एमएसपी पर कानून बनाने, विद्युत संशोधन विधेयक रद्द करने और पराली कानून से किसानों को राहत देने की मांग पूरी कर भीषण ठंड में जान गंवाते अन्नदाता की जान बचाने की पहल करनी चाहिए।

यह बात किसान आंदोलन के राष्ट्रव्यापी आव्हान पर आज ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट और मजदूर किसान मंच के कार्यकर्ताओं ने मन की बात कार्यक्रम का विरोध करते हुए कही।

आज उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के गांवों में बहरे कानों को सुनाने के लिए मन की बात कार्यक्रम के दौरान ताली, थाली और सूपा बजाया गया।

आज सुबह ही सोनभद्र के एआईपीएफ के जिला संयोजक व प्रदेश उपाध्यक्ष कांता कोल को उनके घर से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इसकी जानकारी होने पर घोरावल के कई गांव के एआईपीएफ कार्यकर्ताओं ने आदिवासियों के नरसंहार के लिए चर्चित उभ्भा गांव में स्थित पुलिस चौकी का घेराव कर लिया।

आज के कार्यक्रमों में एआईपीएफ व मंच के कार्यकर्ताओं ने कहा-

मोदी सरकार घोर संवेदनहीन व झूठे प्रचार की सरकार साबित हो रही है। उनके द्वारा बार-बार बोले जा रहे आत्मनिर्भरता अर्थात सेल्फ रिलांयस को लोग उनके रिलांयस के प्रति समर्पण के रूप में देख रहे है। चंद कारपोरेट घरानों के प्रति इसी समर्पण के कारण मोदी शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक आंदोलन के खिलाफ जहर उगल रहे है और आंदोलन को राजनीतिक दलों द्वारा संचालित बता कर बदनाम कर रहे है।

वास्तव में ये किसान आंदोलन सरकार के किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ है और देश की खाद्य सुरक्षा और सम्प्रभुता की रक्षा के लिए होने के नाते अपनी अंतर्वस्तु में राजनीतिक है, लेकिन इसका चुनावी राजनीति से कुछ लेना देना नहीं है। जमीन से उठा ये संगठित किसान आंदोलन आम जन की भावना से जुडा है जिसका समाज का हर तबका समर्थन कर रहा है। इसलिए इस आंदोलन पर हमलावर मोदी सरकार किसानों से अलग थलग हो रही है।

आज हुए कार्यक्रमों का नेतृत्व बिहार के सीवान में पूर्व विधायक व एआईपीएफ प्रवक्ता रमेश सिंह कुशवाहा, लखीमपुर खीरी में एआईपीएफ के प्रदेश अध्यक्ष डा. बी. आर. गौतम, सीतापुर में मजदूर किसान मंच नेता सुनीला रावत, युवा मंच के नागेश गौतम, अभिलाष गौतम, लखनऊ में वर्कर्स फ्रंट अध्यक्ष दिनकर कपूर, उपाध्यक्ष उमाकांत श्रीवास्तव, एडवोकेट कमलेश सिंह, वाराणसी में प्रदेश उपाध्यक्ष योगीराज पटेल, सोनभद्र में प्रदेश उपाध्यक्ष कांता कोल, कृपाशंकर पनिका, मंगरू प्रसाद गोंड़, रूबी गोंड़, ज्ञानदास गोंड़, सूरज कोल, श्रीकांत सिंह, रामदास गोंड़, शिव प्रसाद गोंड़, इंद्रदेव खरवार, महावीर गोंड़ आगरा में वर्कर्स फ्रंट उपाध्यक्ष ई. दुर्गा प्रसाद, चंदौली में अजय राय, आलोक राजभर, रामेश्वर प्रसाद, रहमुद्दीन, इलाहाबाद में युवा मंच संयोजक राजेश सचान, मऊ में बुनकर वाहनी के इकबाल अहमद अंसारी, बलिया में मास्टर कन्हैया प्रसाद, बस्ती में एडवोकेट राजनारायण मिश्र, श्याम मनोहर जायसवाल ने किया।



राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट
द्वारा जारी


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