राग दरबारीः एक ‘टोमैटो इंटेलेक्चुअल’ पर बंदिश लगाने और टमाटर-मिर्च की दमड़ी वसूलने वाला मीडिया

हकीकत तो यह है कि रामचंद्र गुहा के इस लेख से ज्यादा गंभीर अल्पना किशोर का लेख है. फिर भी हिन्दुस्तान टाइम्स ने उस लेख को छापने से मना कर दिया.

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कोरोना के बहाने मीडिया में छंटनी और वेतन कटौती के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में PIL दाखिल

नेशनल अलायंस आफ जर्नलिस्ट्स, दिल्ली यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स और बृहन्मुंबई यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स ने 16 अप्रैल को भारत की सर्वोच्च अदालत में नौकरियों की छंटनी और वेतन कटौती को चुनौती देते हुए यह याचिका दायर की है।

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पत्रकारिता के दारा सिंहों! मदारी को खारिज कर दो, अब भी वक्त है!

दाराओं की फितरत है अपने आकाओं के लिए हत्याएं करना, बच्चों को जलाना, औरतों की हत्याओं का जश्न मनाना। मानवता का माखौल उड़ाना। “दारा” पूरे समाज को दारा बनाने के सपने देखता है लेकिन ये उसका दु:स्वप्न है। हम उन्हें विचारों से परास्त करेंगे।

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मीडिया में छंटनी, वेतन कटौती और तालाबंदी पर मुंबई प्रेस क्लब का बयान

क्लब के अनुसार कोरोना के सीज़न में पत्रकारों की वेतन कटौती, नौकरी से निकाला जाना और तालाबंदी कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है

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झूठ बोलने की व्‍यवस्‍थागत मजबूरी: पी. साइनाथ का दिल्ली में वक्तव्य

पी. साइनाथ ने यह व्‍याख्‍यान दिल्‍ली के कांस्टिट़यूशन क्‍लब में पिछले साल दिया था। उसके संपादित अंश प्रस्‍तुत हैं। A Structural Compulsion  To Lie जिस तरह किसी जंग को जनरलों के …

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