हाथियों की लड़ाई : सलीम हिंदुस्तान का शहंशाह कैसे बना

राजनीतिक संघर्षों के बीच पारिवारिक राजनीति और परिवार में अंदरखाने होने वाले संघर्षों को दर्शाती यह कहानी आज के वक्त में मुग़लों पर नए सिरे से शुरू हुई बहस में बेहद फायदेमंद साबित होगी।

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Gun Island : बन्दूकी सौदागर के बहाने श्राप जैसे कुछ सपने और फंतासी की उड़ान

हमारे आज में जो कुछ हो रहा है उसके कारण हमारे अतीत में कहीं मौजूद होते हैं। उन्दे ओरीगो इन्दे सालूस, मतलब आरम्भ से ही आती है मुक्ति। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित लेखक श्री अमिताभ घोष का उपन्यास ‘बन्दूक़ द्वीप’ जो Gun island का हिन्दी अनुवाद है को हम पढ़ें तो निष्कर्ष के रूप में यह दो बातें हमारे सामने आती हैं।

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कवि होने की सादगी-भरी और संजीदा कोशिश

‘वसंत के हरकारे’ में सभी विधाओं पर आलोचनात्मक लेख, टिप्पणियां और पुस्तक समीक्षा का समायोजन कर एक साथ प्रस्तुत करने का महती दायित्व सुरेंद्र कुशवाह ने गंभीरता से निर्वाह किया है।

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व्यंग्य: जब रामपुर के बोरिंग में फंसा मिला सदन से भागा ईमान…

मनोहर ने जैसे ही अख़बार खोला, प्रथम पृष्ठ पर ही बड़े-बड़े अक्षरों में एक घोटाले के पकड़े जाने का समाचार छपा था! “तुम्हें ये कैसे मालूम कि किसी घोटाले का समाचार छपा होगा आज के अख़बार में?” मनोहर ने जब पूछा तो अंदर से जवाब आया, “देखो भाई! जब-जब देश का ईमान कहीं गिरा है तब-तब ऐसे घोटाले हुए हैं!”

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