विजय समारोहों के बीच किसान आंदोलन की चिंताएं
प्रधानमंत्री द्वारा तीन कानूनों को निरस्त करने के निर्णय की घोषणा करने के लिए अपनाया गया तरीका भी उनके जनविरोधी फासीवादी मानसिक बनावट का एक और सबूत साबित हुआ है।
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प्रधानमंत्री द्वारा तीन कानूनों को निरस्त करने के निर्णय की घोषणा करने के लिए अपनाया गया तरीका भी उनके जनविरोधी फासीवादी मानसिक बनावट का एक और सबूत साबित हुआ है।
Read Moreकिसानों के समर्थन में दो साल पहले बने एक नागरिक एकजुटता समूह ‘नेशन फॉर फार्मर्स’ ने गुरुवार को दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसे किसान महासभा के नेता अशोक ढावले, वरिष्ठ पत्रकार पी. साइनाथ सहित कुछ और बुद्धिजीवियों ने संबोधित करते हुए एक स्वतंत्र किसान आयोग गठित करने की प्रक्रिया का एलान किया।
Read More26 नवंबर को पहली वर्षगांठ के अवसर पर बड़ी संख्या में किसानों को मोर्चा स्थलों पर पहुंचने का काम तेजी पकड़ रहा है और यह लगातार गति भी पकड़ रहा है। इसी तरह लखनऊ किसान महापंचायत को सफल बनाने के लिए भी जोरदार लामबंदी चल रही है।
Read Moreजब हम लोग गांधी के रास्ते पर ही चल सकते हैं तो हमें इस बात को खुलकर स्वीकार करना चाहिए। जब हम जान रहे हैं कि गोली चला कर या बम फेंककर अपने उद्देश्य में सफल नहीं हुआ जा सकता, सिर्फ शहीद हुआ जा सकता है, तो फिर हमें यह बात स्वीकार करनी चाहिए कि आजादी के आंदोलन में महात्मा गांधी का रास्ता बाकी के लोगों के रास्ते से ज्यादा कारगर और उपयोगी था।
Read Moreहर दिन 2500 किसान खेती छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। अब तीन नये कृषि कानूनों के चलते बड़े किसान भी खेती से बाहर हो जाएंगे। इस तरह किसानों को खेती से अलगाव में डालने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और कॉरपोरेट सेक्टर का रास्ता आसान हो जाएगा।
Read Moreएसकेएम की मांग है कि आशीष मिश्रा और उनके सहयोगियों को कोई वीआईपी सुविधा न मिले – अजय मिश्रा जहां भी जाएंगे, लखीमपुर खीरी हत्याकांड के सूत्रधार के रूप में,उन्हें प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा: एसकेएम
Read Moreउत्तर प्रदेश के अमरोहा में एक किसान महापंचायत में आज हजारों किसानों की भागीदारी देखी गई। पूरे मैदान में भारी बारिश के कारण 17 अक्टूबर को एक नियोजित पंचायत आयोजित नहीं की जा सकी और उसे स्थगित करना पड़ा था। कई एसकेएम नेताओं ने महापंचायत में भाग लिया और किसानों को दिल्ली मोर्चा में आने का आह्वान किया।
Read Moreपंजाब के किसानों का कहना है कि पूरे प्रदेश में व्याप्त मंडियों का विशाल और सुलभ नेटवर्क उनके अनुकूल है और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व दूसरी अन्य भरोसेमंद प्रक्रियाओं के साथ-साथ व्यापार के लिहाज़ से उन्हें तनिक सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराता है। अब किसानों को इस बात का डर लगातार सता रहा है कि नए कृषि कानूनों के लागू होने का सीधा असर इस नेटवर्क पर पड़ेगा।
Read Moreआने वाला समय किसान आंदोलन के नेतृत्व के लिए कठिन परीक्षा का है। उकसाने वाली हर कार्रवाई के बाद भी उसे आंदोलन को अहिंसक बनाए रखना होगा। किसान नेताओं को जनता को यह स्पष्ट संदेश देना होगा कि वे हर प्रकार की हिंसा के विरुद्ध हैं।
Read Moreक्या लगता है कि थार में केवल देश के गृह राज्यमंत्री का बेटा बैठा था जो उसे चला रहा था? या यह महज एक आकस्मिक घटना थी? या यह एक एक्सीडेंट था? या इस घटना को अंजाम देते वक़्त और उसके बाद के कार्य-कारणों का आकलन नहीं किया गया था? सब कुछ किया गया था। ध्यान से देखें तो थार उस जन्मकुंडली के रूप में बदलती हुई दिखलायी देगी जो हमारी नियति को गढ़ने के लिए बनायी गयी है।
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