गुलाबो सिताबो: सामंतवाद की ढहती हवेली में इंसानी विडंबनाओं से साक्षात्कार
मनोवैज्ञानिक विल्हेम राइख़ ने अपने पर्चे ‘लिसेन लिटिल मैन’ (1945) में लिखा था- ‘लघु मानव, तुम मुझसे पूछते हो कि तुम कब एक अच्छा, व्यवस्थित जीवन जी सकोगे, मेरा उत्तर …
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