बनारस पहुंची श्रमिक ट्रेन में मृत आज़मगढ़ के प्रवासी के परिजनों के दावे से सवालों के घेरे में रेलवे


ट्रेनों में हुई मौतों पर रिहाई मंच ने उठाया सवाल- मृतक अगर बीमार थे तो ट्रेन में बैठाया कैसे

आजमगढ़ के राम रतन गोंड़ जिनकी मुंबई से बनारस आते हुए श्रमिक ट्रेन में मौत हो गयी थी, उनके परिजनों के किये दावे ने रेलवे के बयान को संदिग्ध बना दिया है. रेलवे ने बयान देकर कहा था कि गोंड़ पहले से बीमार थे लेकिन परिजनों का कहना है कि ट्रेन में चढ़ते वक्त उनका चेक अप हुआ था और वे स्वस्थ थे.

मुंबई से बनारस पहुंची श्रमिक ट्रेन से निकली दो लाशें, मृतक जौनपुर और आज़मगढ़ के निवासी

इतना ही नहीं, एक बात यह भी सामने आयी है कि गोंड़ का कोरोना सैंपल देरी से लिया गया क्योंकि बनारस में न डॉक्टर मौजूद थे न ही किट। यह उद्घाटन रिहाई मंच ने गोंड़ के परिजनों से की मुलाकात के बाद किया है और पोस्टमार्टम में देरी पर सवाल उठाया है. मंच ने रेलवे के इस बयान पर भी सवाल उठाया है कि वो पहले से बीमारी से ग्रस्त थे जिसके कारण उनकी मौत हुई जबकि श्रमिक ट्रेन में रजिस्ट्रेशन करने के बाद मजदूर का मेडिकल चेकअप कराकर स्वास्थ की पुष्टि करते हुए रेल में बिठाया जाता है.

रिहाई मंच ने गोंड़ के परिजनों से मुलाकात की. एक विज्ञप्तिम में मंच ने बताया है कि मृतक प्रवासी राम रतन गोंड़ के भाई के मुताबिक वे मुंबई के बोरिवली में पान की दुकान चलाते थे और कांदिवली में रहते थे. मंच को उनके दामाद संजय गोंड़ ने बताया कि उन्होंने आने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया और जब मुंबई से चले तो उनका चेकअप भी हुआ था और वो ट्रेन में चलते समय स्वस्थ थे.

रेलवे ने कहा पहले से बीमार थे दशरथ-रामरतन, रिहाई मंच ने कहा हत्या का मुकदमा दर्ज हो

रेलवे ने जो बयान जारी किया था, उसमें मृतक गोंड़ के बारे में कहा गया थाः

“एसएलआर कोच में मिला दूसरा मृतक 63 वर्षीय राम रतन गौड़ पुत्र स्व. रघुनाथ ग्राम-शरहदपार पोस्ट-हाजीपुर थाना- रौनापार जिला आजमगढ़ का निवासी था और कई बीमारियों से जूझ रहा था।” 

पुत्र राजेश गोंड़, जो अपने पिता की खबर सुनकर वाराणसी गये थे, उन्होंने मंच को बताया कि 27 तारीख की सुबह 8.30 बजे ट्रेन वाराणसी के मंडुआडीह पहुंची और ट्रेन खाली होने के कुछ समय बाद ट्रेन से लाश प्राप्त हुई. उन्होंने बताया कि बहुत ही मुश्किल से लाश मिली.

गोंड़ के घर पर उनके परिजनों से बात करते मंच के सदस्य

उनके मुताबिक, “जब कोरोना के सैंपल कलेक्शन की बात आयी तो किट मौजूद नहीं थी और जब किट आयी तो डॉक्टर नहीं थे. इस वजह से 28 तारिख को सैंपल कलेक्शन नहीं हो पाया. मौके पर मौजूद पुलिस वाले ने बताया कि अब कल यानी कि 29 तारिख को सैंपल लिया जाएगा. रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ हो पाएगा. यह सुनकर हम लोग वापस घर लौट आये”.

राजेश के साथ उनके गांव के प्रधान हरिनारायण यादव भी वाराणसी गये थे, उन्होंने भी यही बात कही.

रिहाई मंच ने कहा कि राम रतन गोंड़ की मौत हो या फिर राम अवध चौहान की, सभी में देखा गया कि पोस्टमार्टम में देरी की जा रही है। इस तरह की देरी न सिर्फ अमानवीय है बल्कि परेशान हाल मजदूरों के हौसले को भी तोड़ रही है। प्रतिनिधिमंडल में रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव, विनोद यादव, आदिल आज़मी, अवधेश यादव और बांकेलाल शामिल रहे.


About जनपथ

जनपथ हिंदी जगत के शुरुआती ब्लॉगों में है जिसे 2006 में शुरू किया गया था। शुरुआत में निजी ब्लॉग के रूप में इसकी शक्ल थी, जिसे बाद में चुनिंदा लेखों, ख़बरों, संस्मरणों और साक्षात्कारों तक विस्तृत किया गया। अपने दस साल इस ब्लॉग ने 2016 में पूरे किए, लेकिन संयोग से कुछ तकनीकी दिक्कत के चलते इसके डोमेन का नवीनीकरण नहीं हो सका। जनपथ को मौजूदा पता दोबारा 2019 में मिला, जिसके बाद कुछ समानधर्मा लेखकों और पत्रकारों के सुझाव से इसे एक वेबसाइट में तब्दील करने की दिशा में प्रयास किया गया। इसके पीछे सोच वही रही जो बरसों पहले ब्लॉग शुरू करते वक्त थी, कि स्वतंत्र रूप से लिखने वालों के लिए अखबारों में स्पेस कम हो रही है। ऐसी सूरत में जनपथ की कोशिश है कि वैचारिक टिप्पणियों, संस्मरणों, विश्लेषणों, अनूदित लेखों और साक्षात्कारों के माध्यम से एक दबावमुक्त सामुदायिक मंच का निर्माण किया जाए जहां किसी के छपने पर, कुछ भी छपने पर, पाबंदी न हो। शर्त बस एक हैः जो भी छपे, वह जन-हित में हो। व्यापक जन-सरोकारों से प्रेरित हो। व्यावसायिक लालसा से मुक्त हो क्योंकि जनपथ विशुद्ध अव्यावसायिक मंच है और कहीं किसी भी रूप में किसी संस्थान के तौर पर पंजीकृत नहीं है।

View all posts by जनपथ →

3 Comments on “बनारस पहुंची श्रमिक ट्रेन में मृत आज़मगढ़ के प्रवासी के परिजनों के दावे से सवालों के घेरे में रेलवे”

  1. Very good article! We are linking to this particularly great content on our site. Keep up the great writing.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *