दुनिया भर में 835 से ज्यादा पत्रकारों को लील गया कोरोना, 55 मौतों के साथ भारत चौथे स्थान पर


जिनेवा/गोहाटी

स्विट्ज़रलैंड स्थित मीडिया पर निगरानी रखने वाली एक संस्‍था प्रेस एम्‍बलम कैम्‍पेन ने संयुक्‍त राष्‍ट्र के सदस्‍य देशों से आह्वान किया है कि वे पत्रकारों की आजादी को सुनिश्चित करें, उन्‍हें जल्‍दी कोरोना का टीका लगवाएं और कोरोना पीड़ित पत्रकारों के परिवारों को आर्थिक मदद दें।

प्रेस एम्‍बलम कैम्‍पेन ने दुनिया भर में कोविड-19 से पत्रकारों की मौत का संकलन किया है। इसके मुताबिक दुनिया भर के 67 देशों में 835 से ज्‍यादा पत्रकार कोरोना से मार्च 2020 से अब तक मारे गये।

इनमें सबसे ज्‍यादा प्रभावित देशों में पेरू (108), ब्राजील (101), मेक्सिको (87), भारत (55) और इसके बाद इटली, बांग्‍लादेश, यूएस, इक्‍वेडर, कोलंबिया, यूके, पाकिस्‍तान, तुर्की आदि का नंबर आता है। इस लिहाज से देखें तो कोरोना से होने वाली पत्रकारों की मौत में भारत चौथे स्‍थान पर रहा है।

गुरुवार को जारी अपने बयान में संस्‍था के प्रतिनिधि नवा ठाकुरिया ने कहा है:

भारत में लोकप्रिय टीवी ऐंकर विकास शर्मा की 4 फरवरी को पोस्‍ट-कोरोना जटिलताओं के चलते मौत हो गयी। उसके बाद से अब तक इस बड़ी आबादी वाले देश में कोरोना से मीडिया में पीड़ित किसी व्‍यक्ति की खबर नहीं है।

उनके मुताबिक यह अस्‍थायी राहत की बात हो सकती है लेकिन भारत में मीडियाकर्मियों को कोरोना योद्धा की भूमिका निभाते वक्‍त जरूरी बचाव उपाय बरतते रहने होंगे।

संस्‍था ने दुनिया भर में कोरोना के असर पर संयुक्‍त राष्‍ट्र मानवाधिकार उच्‍चायुक्‍त की समग्र रिपोर्ट की प्रशंसा की है और कोरोना से प्रेस की आजादी पर पड़े प्रभाव पर चिंता जाहिर की है।

संस्‍था के महासचिव ब्‍लेज़ लेम्‍पेन के अनुसार कोविड महामारी से मीडिया पर तितरफा असर पड़ा है- पहला व्‍यापार पर चूंकि राजस्‍व का घाटा हुआ है, दूसरा स्‍वतंत्र तरीके से सूचित करने के सामर्थ्‍य पर चूंकि कई देशों ने तमाम बंदिशें लगा दी हैं और तीसरा मीडिया के स्‍टाफ पर, जिनमें हजारों पत्रकार संक्रमित हुए और सैकड़ों मारे गये।  


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