यूट्यूब पर आज रिलीज़ हो रही है युवाओं के अवसाद पर केंद्रित डाक्यूमेंट्री ‘मिलेनियल सोसाइटी’


कोरोना महामारी के कारण लगाये गये लॉकडाउन में हमने कई त्रासद खबरें सुनीं। फिल्‍म अभिनेता सुशांत सिंह की ख़ुदकुशी इनमें सबसे चर्चित ख़बर रही। एक अध्‍ययन के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान हुई मौतों में सबसे बड़ा कारण खुदकुशी रही है और इसके पीछे सबसे बड़ी वजह रही है अवसाद और निराशा।

दिल्‍ली में रहने वाले पंजाबी के युवा कवि, फिल्‍मकार और एक्टिविस्‍ट तैश पोठवारी ने इस ज्‍वलन्‍त मुद्दे को पकड़ कर एक संक्षिप्‍त डॉक्‍यूमेंट्री बनायी है जिसका प्रदर्शन वे मंगलवार शाम 5 बजे यूट्यूब पर कर रहे हैं। फिल्‍म का नाम है मिलेनियल सोसायटी।

जैसा कि नाम से ज़ाहिर है, यह फिल्‍म युवाओं के अवसाद पर केंद्रित है। बिना किसी संसाधन के घर बैठे फिल्‍म बनाने वाले तैश का एक कविता संग्रह पंजाबी में आ चुका है और वे लंबे समय से सामाजिक मसलों पर अलग अलग माध्‍यमों से काम कर रहे हैं।

इस फिल्‍म को यूट्यूब पर नीचे के लिंक से देखा जा सकता है।


About जनपथ

जनपथ हिंदी जगत के शुरुआती ब्लॉगों में है जिसे 2006 में शुरू किया गया था। शुरुआत में निजी ब्लॉग के रूप में इसकी शक्ल थी, जिसे बाद में चुनिंदा लेखों, ख़बरों, संस्मरणों और साक्षात्कारों तक विस्तृत किया गया। अपने दस साल इस ब्लॉग ने 2016 में पूरे किए, लेकिन संयोग से कुछ तकनीकी दिक्कत के चलते इसके डोमेन का नवीनीकरण नहीं हो सका। जनपथ को मौजूदा पता दोबारा 2019 में मिला, जिसके बाद कुछ समानधर्मा लेखकों और पत्रकारों के सुझाव से इसे एक वेबसाइट में तब्दील करने की दिशा में प्रयास किया गया। इसके पीछे सोच वही रही जो बरसों पहले ब्लॉग शुरू करते वक्त थी, कि स्वतंत्र रूप से लिखने वालों के लिए अखबारों में स्पेस कम हो रही है। ऐसी सूरत में जनपथ की कोशिश है कि वैचारिक टिप्पणियों, संस्मरणों, विश्लेषणों, अनूदित लेखों और साक्षात्कारों के माध्यम से एक दबावमुक्त सामुदायिक मंच का निर्माण किया जाए जहां किसी के छपने पर, कुछ भी छपने पर, पाबंदी न हो। शर्त बस एक हैः जो भी छपे, वह जन-हित में हो। व्यापक जन-सरोकारों से प्रेरित हो। व्यावसायिक लालसा से मुक्त हो क्योंकि जनपथ विशुद्ध अव्यावसायिक मंच है और कहीं किसी भी रूप में किसी संस्थान के तौर पर पंजीकृत नहीं है।

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