मेरे पिताजी के नाम पर कोई साम्प्रदायिक संघर्ष नहीं चल सकता: अनीता बसु


नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वी जयंती पर कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के संबोधन से पहले लगे धार्मिक नारों पर उठे बवाल के बीच एक अहम बयान आया है। नेताजी की सुपुत्री ने साफ़ तौर पर कहा है कि उनके पिता के आदर्श भारतीय जनता पार्टी के साथ बिलकुल मेल नहीं खाते।

नेताजी के नाम पर आयोजित की गयी सभा में लगे जय श्री राम के नारों को औचित्यहीन कहना ग़लत नहीं होगा क्‍योंकि भाजपा के नेता शमिक भट्टाचार्य ने खुद इसका विरोध किया है। उन्‍होंने कहा है कि सरकारी आयोजन में धार्मिक नारे लगाना ठीक नहीं है। इसकी जगह अगर जय हिन्द और नेताजी जिन्दाबाद के नारे लगाते तो बेहतर होता।

जर्मनी से शनिवार को वाह्ट्सअप कॉल पर हुई बातचीत के दौरान नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की सुपुत्री अनीता बसु ने कहा:

‘’मेरे पिता ने सारे भारत के लोगों को साथ लेकर देशप्रेम और आजादी की परिभाषा खोजी थी। मेरे बड़े पिताजी शरत चन्द्र बोस बंगाल विभाजन के खिलाफ थे। मेरे पिताजी के नाम पर कोई साम्प्रदायिक संघर्ष नहीं चल सकता।‘’

कल हुए विवाद पर उन्होंने कहा कि मेरे पिता के लिए देश सबसे बड़ा था। अनीता बसु ने कल के विवाद पर एक टीवी चैनल पर भी अपना पक्ष रखा था जिसे नीचे देखा जा सकता है।


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