गांधी ने कहा था- अखबारवाले बीमारी के वाहक बनते जा रहे हैं!

काम के अतिशय बोझ के चलते उन्हें देर रात तक या फिर सुबह से ही काम करना पड़ता था। वे अकसर चलती ट्रेन में लिखते थे। जब उनका एक हाथ लिखने से थक जाता तो वे दूसरे हाथ से लिखने लगते। तमाम व्यस्तताओं के बीच भी वे रोजाना तीन से चार लेख लिखते थे।

Read More

गाँधी की हत्या का सिलसिला जारी है…

गाँधीजी के प्रति नफ़रत या घृणा कोई नयी परिघटना नहीं है लेकिन जो नफरत पहले कहीं थोड़ी दबी हुई थी अब वो खुलकर बाहर आ रही है क्योंकि इन नफरती ताकतों के लिए मीडिया अनुकूल वातावरण मुहैया करा रहा है।

Read More

किसान सद्भावना दिवस: नये कृषि कानूनों के खिलाफ इंदौर में किसान संगठनों का उपवास

सरकार की हठधर्मिता और फर्जी तरीके से अपने कार्यकर्ताओं को आंदोलन में शामिल कर आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश का पर्दाफाश हो चुका है और सरकार और सत्ता दल की हरकतों के चलते आज किसान आंदोलन तीनों किसान कानून की वापसी की मांग के साथ ही किसानों की अस्मिता और स्वाभिमान का आंदोलन बन गया है। इसी के चलते आज देश भर में एक लाख से ज्यादा स्थानों पर इस तरह के उपवास का आयोजन हो रहा है।

Read More

किसान आंदोलन के समर्थन में IPF कार्यकर्ताओं ने किया उपवास

आज गांव-गांव कार्यकताओं ने आरएसएस-भाजपा सरकार द्वारा किसानों की हो रही घेराबंदी व किसान आंदोलन के दमन, हमले व दुष्प्रचार करने की कड़ी आलोचना करते हुए सरकार से तत्काल तीनों काले कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने व किसानों की उपज की खरीद व भुगतान और किसान आंदोलन के नेताओं पर लगाए सभी मुकदमें वापस लेने की पुरजोर मांग की।

Read More

‘किसान सच्चा पृथ्वीपति है, उसे सरकार से क्यों डरना?’ किसान आंदोलन के लिए गांधीजी के कुछ सबक

आज की हमारी सरकार भले ही किसानों की योग्यता और बुद्धिमत्ता पर संदेह करती हो और किसानों के साथ चर्चा करने वाले अनेक वार्ताकार उन्हें नासमझ के रूप में चित्रित करते हों किंतु गांधी जी उनमें एक आजाद, जाग्रत और प्रबुद्ध नागरिक के दर्शन करते हैं।

Read More

राष्ट्रपिता की पुण्यतिथि पर किसानों का सद्भावना दिवस, देशभर में अनशन: संयुक्त किसान मोर्चा

संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर प्रस्तावित “सद्भावना दिवस” पर दिल्ली के सभी बोर्डर्स समेत देशभर के धरनों पर सुबह 9 बजे से 5 बजे तक अनशन रखा जाएगा।

Read More