26 जनवरी के बाद 100 से अधिक लोग आंदोलन से लापता, कमेटी का गठन: SKM


संयुक्‍त किसान मोर्चा प्रेस नोट
68वां दिन, 31 जनवरी 2021

संयुक्‍त किसान मोर्चा ने गणतंत्र दिवस की परेड के बाद सौ से अधिक व्यक्तियों के लापता होने की सूचना के बारे में गहरी चिंता जताई है। अब ऐसे लापता व्यक्तियों के बारे में जानकारी संकलित करने की कोशिश की जा रही है, जिसके बाद अधिकारियों के साथ औपचारिक कार्रवाई की जाएगी। इसके बाबत एक कमेटी का गठन किया गया है जिसमें प्रेम सिंह भंगू, राजिंदर सिंह दीप सिंह वाला, अवतार सिंह, किरणजीत सिंह सेखों व बलजीत सिंह शामिल है। लापता व्यक्ति के बारे में कोई भी जानकारी 8198022033 पर लापता व्यक्ति का पूरा नाम, पूरा पता, फोन नंबर और घर का कोई अन्य संपर्क और कब से गायब है, साझा किया जाएं।

संयुक्त किसान मोर्चा ने मनदीप पुनिया और अन्य पत्रकारों की गिरफ्तारी की निंदा की। झूठे और मनगढ़ंत आरोपों की आड़ में अपनी वास्तविक साजिश को दबाने और किसानों में डर पैदा करने के प्रयासों को किसानों ने अपनी बढ़ती ताकत से जवाब दिया।

संयुक्‍त किसान मोर्चा ने विभिन्न विरोध स्थलों की इंटरनेट सेवाओं को काटने के लिए किसानों के आंदोलन पर सरकार के हमले की भी निंदा की। सरकार नहीं चाहती कि वास्तविक तथ्य किसानों और सामान्य जनता तक पहुँचें, न ही उनका शांतिपूर्ण आचरण दुनिया तक पहुँचे। सरकार किसानों के चारों ओर अपना झूठ फैलाना चाहती है। यह विभिन्न धरनास्थलों पर किसान यूनियनों के समन्वित कार्य से भी डरती है और उनके बीच संचार साधनों में कटौती करने की कोशिश कर रही है। यह अलोकतांत्रिक और अवैध है।

मोर्चा के नेताओं ने सिंधु बॉर्डर व अन्य धरनास्थलों तक पहुंचने से आम लोगों और मीडियाकर्मियों को रोकने के लिए लंबी दूरी से विरोध स्थलों की घेराबंदी पर सवाल उठाया। भोजन और पानी जैसी बुनियादी आपूर्ति को भी बाधित किया जा रहा है। सरकार के इन सभी हमलों की हम निंदा करते हैं।

पुलिस और सरकार द्वारा हिंसा के कई प्रयासों के बावजूद, किसान अभी भी तीन कृषि कानूनों और एमएसपी पर बहस कर रहे हैं। हम सभी जागरूक नागरिकों को स्पष्ट करना चाहते हैं कि दिल्ली मोर्चा सुरक्षित और शांतिपूर्ण है।

बड़े ही खेद के साथ महाराष्ट्र के एक और प्रदर्शनकारी की मौत की दुखद खबर को साझा कर रहे हैं, जिन्होंने शाहजहाँपुर संघर्ष में भाग लिया। शायरा पवार सिर्फ 21 साल की थीं। उनके बलिदान को याद रखा जाएगा और व्यर्थ नहीं जाएगा।

कल घोषित किए गए सद्भावना दिवस को देश भर में और मध्य प्रदेश में रीवा, मंदसौर, इंदौर, ग्वालियर, झाबुआ और अन्य स्थानों पर व्यापक रूप से समर्थन मिला। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के शिक्षकगणों और शोधार्थियों ने भी किसानों के समर्थन में एक दिन का उपवास रखा।

राजस्थान और हरियाणा से बड़ी संख्या में किसान शाहजहाँपुर मोर्चे पर पहुँच रहे हैं। मोर्चा दिन पर दिन मजबूत होता जा रहा है। प्रदर्शनकारी किसानों के नए समूह सिंघू बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर भी पहुंच गए हैं, जबकि गाजीपुर विरोधस्थल भी प्रतिदिन मजबूत हो रहा है।

डॉ. दर्शन पाल
संयुक्त किसान मोर्चा


About जनपथ

जनपथ हिंदी जगत के शुरुआती ब्लॉगों में है जिसे 2006 में शुरू किया गया था। शुरुआत में निजी ब्लॉग के रूप में इसकी शक्ल थी, जिसे बाद में चुनिंदा लेखों, ख़बरों, संस्मरणों और साक्षात्कारों तक विस्तृत किया गया। अपने दस साल इस ब्लॉग ने 2016 में पूरे किए, लेकिन संयोग से कुछ तकनीकी दिक्कत के चलते इसके डोमेन का नवीनीकरण नहीं हो सका। जनपथ को मौजूदा पता दोबारा 2019 में मिला, जिसके बाद कुछ समानधर्मा लेखकों और पत्रकारों के सुझाव से इसे एक वेबसाइट में तब्दील करने की दिशा में प्रयास किया गया। इसके पीछे सोच वही रही जो बरसों पहले ब्लॉग शुरू करते वक्त थी, कि स्वतंत्र रूप से लिखने वालों के लिए अखबारों में स्पेस कम हो रही है। ऐसी सूरत में जनपथ की कोशिश है कि वैचारिक टिप्पणियों, संस्मरणों, विश्लेषणों, अनूदित लेखों और साक्षात्कारों के माध्यम से एक दबावमुक्त सामुदायिक मंच का निर्माण किया जाए जहां किसी के छपने पर, कुछ भी छपने पर, पाबंदी न हो। शर्त बस एक हैः जो भी छपे, वह जन-हित में हो। व्यापक जन-सरोकारों से प्रेरित हो। व्यावसायिक लालसा से मुक्त हो क्योंकि जनपथ विशुद्ध अव्यावसायिक मंच है और कहीं किसी भी रूप में किसी संस्थान के तौर पर पंजीकृत नहीं है।

View all posts by जनपथ →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *