गणतंत्र दिवस किसान परेड का रूट तय, ओडिशा के किसान पहुंचे गाजीपुर बॉर्डर


संयुक्त किसान मोर्चा प्रेस नोट
60वां दिन, 23 जनवरी 2021

दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के साथ बातचीत में संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने किसान गणतंत्र दिवस परेड के लिए संयुक्त रूप से परेड के मार्ग को अंतिम रूप दिया। परेड के अनुशासित आचरण के लिए तैयारियाँ जोरों पर हैं। देश भर से किसानों और नागरिकों का जबरदस्त उत्साह और प्रतिक्रिया मिल रही है।

संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को “आज़ाद हिंद किसान दिवस” मनाने की कॉल को देशभर के किसानों ने समर्थन दिया। आज अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन और धरने लगे।

देशभर से किसानों मजदूरों का दिल्ली आना जारी है। मोर्चे द्वारा घोषित किसान गणतंत्र परेड हेतु अलग-अलग जगहों पर तैयारियां चल रही हैं।

ओडिशा से चली ‘किसान दिल्ली चलो यात्रा’ आज गाजीपुर बॉर्डर पहुँची. ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ व उत्तर प्रदेश के करीब 1000 किसान इस मार्च के रास्ते गाजीपुर मोर्चे पर पहुँचे। भुवनेश्वर में AIARLA के कार्यकताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। ओडिशा के गंजम और बलांगीर समेत कई जगहों पर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किए। मलिया महिला शक्ति संगठन द्वारा गुजरात मे हड़ताल की गई।

झारखंड के गढ़वा में किसानो मजदूरों ने पैदल मार्च किया। रांची में स्थानीय लोगों और किसानों ने राजभवन तक मार्च निकाला। भोपाल, भिंड, रीवा, ग्वालियर समेत मध्यप्रदेश में किसान लगातार पक्के मोर्चे लगाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

दरभंगा, भोजपुर समेत बिहार में कई जगह धरने प्रदर्शन किए जा रहे हैं। पटना के गांधी मैदान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद करते हुए किसानों ने किसान आंदोलन सफल बनाने का संकल्प लिया।

तमिलनाडु में हज़ारों किसानों ने राजभवन तक मार्च किया और गिरफ्तारियां दी। शेतकारी सयुंक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 23 जनवरी को आज़ाद हिंद किसान दिवस मनाते हुए 20,000 वाहनों का मार्च नासिक से मुंबई तक निकाला जाएगा। कोटा संभाग से किसानों का एक जत्था शाहजहांपुर बॉर्डर के लिए रवाना हुआ।

राष्ट्रीय किसान महासंघ द्वारा ‘शहीद सम्मान यात्रा’ सोनीपत आयोजित की गई जिसमें 26 जनवरी की किसान गणतंत्र परेड में शामिल होने का आह्वान किया गया. छत्तीसगढ़ के सैंकड़ों किसान राज्यपाल को ज्ञापन देने के बाद दिल्ली मोर्चे के लिए रवाना होंगे।

डॉ. दर्शन पाल
संयुक्त किसान मोर्चा


About जनपथ

जनपथ हिंदी जगत के शुरुआती ब्लॉगों में है जिसे 2006 में शुरू किया गया था। शुरुआत में निजी ब्लॉग के रूप में इसकी शक्ल थी, जिसे बाद में चुनिंदा लेखों, ख़बरों, संस्मरणों और साक्षात्कारों तक विस्तृत किया गया। अपने दस साल इस ब्लॉग ने 2016 में पूरे किए, लेकिन संयोग से कुछ तकनीकी दिक्कत के चलते इसके डोमेन का नवीनीकरण नहीं हो सका। जनपथ को मौजूदा पता दोबारा 2019 में मिला, जिसके बाद कुछ समानधर्मा लेखकों और पत्रकारों के सुझाव से इसे एक वेबसाइट में तब्दील करने की दिशा में प्रयास किया गया। इसके पीछे सोच वही रही जो बरसों पहले ब्लॉग शुरू करते वक्त थी, कि स्वतंत्र रूप से लिखने वालों के लिए अखबारों में स्पेस कम हो रही है। ऐसी सूरत में जनपथ की कोशिश है कि वैचारिक टिप्पणियों, संस्मरणों, विश्लेषणों, अनूदित लेखों और साक्षात्कारों के माध्यम से एक दबावमुक्त सामुदायिक मंच का निर्माण किया जाए जहां किसी के छपने पर, कुछ भी छपने पर, पाबंदी न हो। शर्त बस एक हैः जो भी छपे, वह जन-हित में हो। व्यापक जन-सरोकारों से प्रेरित हो। व्यावसायिक लालसा से मुक्त हो क्योंकि जनपथ विशुद्ध अव्यावसायिक मंच है और कहीं किसी भी रूप में किसी संस्थान के तौर पर पंजीकृत नहीं है।

View all posts by जनपथ →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *