अल्मोड़ा। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने चमोली में आई भयंकर त्रासदी को हिमालय में अनियोजित, अनियंत्रित विकास को ज़िम्मेदार बताते हुए उत्तराखंड जैसे पर्वतीय हिमालयी राज्य के विकास की पूंजीवादी लूट खसोट की नीतियों में आमूल बदलाव की मांग की है।
जोशीमठ में चिपको आंदोलन के उद्गम स्थल रैणी ऋषिगंगा व धौलीगंगा व क्षति में विनाश में अकाल मारे गए नागरिकों, श्रमिको को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पहाड़ों में जल विद्युत परियोजनाओं पंचेश्वर जैसे विनाशक बांध बनाने और ऑल वेदर रोड जैसी परियोजनाओं की उच्च स्तरीय समीक्षा करने की मांग की गई है।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पी.सी. तिवारी ने कहा कि-
चिपको, वन बचाओ आंदोलन और हिमालयी संवेदनशीलता को समझने वाले तमाम विरोध के बावजूद सरकार पूंजीपतियों, माफियाओं व कम्पनियों के हाथों में खेल रही है। जलवायु परिवर्तन की विभीषिका ने इस प्रक्रिया को और तीव्र किया है जिससे उत्तराखंड में भारी तबाही की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
उपपा ने आए दिन आ रही इन त्रासदियों को देखते हुए प्रदेश सरकार से नीतियों में आमूल परिवर्तन हेतु संभावित प्रयास करने के लिए एवं आयोग बनाकर सड़कों, बांधों, जल विद्युत परियोजनाओं व जल जंगल ज़मीन से जुड़ी तमाम नीतियों, उनके दोहन की समीक्षा करने की मांग की है।
उपपा ने चमोली त्रासदी में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार की पूरी व्यवस्था करने और उत्तराखंड में पिछले दो तीन दशकों में हुई त्रासदियों मद बेघर हुए लोगों के पुनर्वास की समुचित व्यवस्था करने और पंचेश्वर जैसे विनाश कारी बांध के निर्माण की प्रक्रिया को तत्काल निरस्त करने की मांग की है।