“मैं प्रेम में भरोसा करती हूं. इस पागल दुनिया में इससे अधिक और क्या मायने रखता है?”

  एलिज़ाबेथ वुर्त्ज़ेल के शब्दों में उनकी मौत से पहले बीता वक्त     टूटी शादियों वाली इस अस्तव्यस्त धरती से मेरा सलाम. यह सराय अब टूटकर बिखर रहा है. …

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