बनारस के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में काम करने वाले दो मजदूरों अमीनुल मोमिन और अब्दुल मोमिन की रात को सोते समय छत गिर जाने के कारण हुई मौत पर अल्पसंख्यक कांग्रेस ने पीड़ित परिवारों को 25 लाख मुआवजा व एक व्यक्ति को नौकरी और सात घायलों के लिए प्रत्येक 5 लाख की सहायता की मांग की है. अल्पसंख्यक कांग्रेस ने ठेका कंपनी पर हत्या का मुकदमा भी दर्ज करने की मांग की है.
प्रदेश मुख्यालय से जारी बयान में अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश के चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के ड्रीम प्रोजेक्ट- जिसके तहत दर्जनों प्राचीन मन्दिरों को ध्वस्त किया गया और जिसका हिंदू धार्मिक संगठनों और आम नागरिकों के विरोध के बावजूद निर्माण किया जा रहा है- में काम करने के लिए हिंदू मजदूरों का नहीं मिलना साबित करता है कि हिंदू समाज मोदी जी के सनातन धर्म विरोधी राजनीति को समझने लगा है.
उन्होंने कहा कि कॉरिडोर का ठेका लेने वाली कंपनी को बंगाल के गरीब मुस्लिम मजदूरों से काम कराना पड़ रहा है क्योंकि मोदी जी के इस धर्मविरोधी काम के लिए कोई भी स्थानीय हिंदू मजदूर तैयार नहीं है. मारे गए दो और घायल सातों मुस्लिम मजदूर बंगाल के निवासी हैं.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में मजदूरी करने वालों को मानकों के हिसाब से रहने और सोने की सुविधा तक न मिलना साबित करता है कि मोदी जी के अन्य ड्रीम प्रोजेक्टों की तरह ही इसमें भी फर्जीवाड़ा चल रहा है.
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