युनिवर्सिटी खोलने की मांग पर धरना दे रहे BHU के छात्रों का आज से आमरण अनशन शुरू


काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के विद्यार्थी विश्वविद्यालय को पुनः सुचारु रूप से खोलने की मांग करते हुए विगत 22 फरवरी 2021 से विश्वविद्यालय के प्रमुख द्वारा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

धरनारत विद्यार्थि‍यों का कहना है कि  विश्वविद्यालय प्रशासन तानाशाही रवैया अपना रहा है। परिसर के सभी मंदि‍र खुले हैं, सर सुंदरलाल अस्पताल खुला है पर कक्षाएं खोलने के नाम पर विश्वविद्यालय प्रशासन आनाकानी कर रहा है। विश्वविद्यालय न खुलने के कारण यहां पढ़ने वाले विद्यार्थि‍यों का जीवन अधर में लटकता नज़र आ रहा हैं।

विश्वविद्यालय को खोलने की मांग को लेकर विद्यार्थि‍यों और प्रशासन के बीच ठन गई हैं। लंका (वाराणसी) स्थित सिंहद्वार पर धरना दे रहे छात्रों ने अपनी मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन की रणनीति में बदलाव करते हुए गांधीवादी तरीके से अपनी मांग को रखते हुए आमरण अनशन पर जाने का फैसला किया है।

इस विषय पर फोन के माध्यम से छात्र आशुतोष से बात करने पर पता चला कि विश्वविद्यालय सुचारू रूप से खुलवाने की मांग को लेकर छात्र नई रणनीति के तहत विरोध प्रदर्शन करेंगे जिसमें शामिल निम्न बिंदु हैं-

– 25 फरवरी से मुख्य द्वार के किनारे के दोनों गेट जब तक आंदोलन चलेगा, खुले रहेंगे।

– 25 फरवरी से छात्र आशुतोष कुमार विश्वविद्यालय खुलवाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

– दिनांक 25 फरवरी को रात को आठ बजे ट्विटर पर #Unlock_BHU ट्रेंड कराया जाएगा।

– दिनांक 25 फरवरी को दोपहर 3 से 5 बजे तक एक पोस्टर वर्कशॉप का आयोजन कराया जाएगा।

– 26 फरवरी को शाम 4:30 बजे विश्वनाथ मंदिर से मुख्यद्वार तक स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट मार्च का आयोजन किया जाएगा।

विद्यार्थि‍यों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए 22 फरवरी को विश्वविद्यालय प्रशासन के पीआरओ डॉ. राजेश सिंह ने देर शाम विज्ञप्ति जारी कर भारत सरकार के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय को खोलने की बात कही थी और छात्र-छात्राओं से विश्वविद्यालय का शैक्षणिक वातावरण बनाने की अपील की थी।

देश में महामारी के दौरान विभिन्न संस्थान व विश्वविद्यालय महामारी रोकथाम के नाम पर बंद कर दिए गए थे। समय के साथ औद्योगिक संस्थान और अन्य संस्थानों को खोल कार्यों को सुचारू रूप से जारी कर दिया गया। वही देश में शिक्षण संस्थानों को अभी तक पूर्ण रूप से नहीं खोला गया है जिसका खामियाजा छात्र भुगत रहे हैं। शिक्षण संस्थानों के द्वारा शिक्षा को जारी रखने के लिए ऑनलाइन के माध्यम् चयन किया गया है। ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली में छात्रों को विभिन्न प्रकार की समस्या आ रही है, जिनमें प्रमुख है कि जिनके पास आधुनिक उपकरण हैं वो सभी शिक्षा ले पा रहे हैं, वही जिनके पास आधुनिक उपकरण नहीं हैं वो सभी शिक्षा से वंचित हो रहे हैं।


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