दिल्ली: किसान आंदोलन कवर कर रहे पत्रकारों के उत्पीड़न का मामला पहुंचा प्रेस काउंसिल


दिल्‍ली में पत्रकार मनदीप पुनिया और धर्मेंद्र सिंह की गिरफ्तारी ने किसान आंदोलन के दौरान पत्रकारों को कवरेज में पैदा की जा रही बाधा पर नियामक संस्‍था प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया का ध्‍यान अंतत: खींचा है। खुद प्रेस काउंसिल के सदस्‍य अशोक कुमार नवरत्‍न ने प्रेस काउंसिल के अध्‍यक्ष को एक पत्र लिखते हुए पत्रकारों के उत्‍पीड़न का मुद्दा उठाया है।

गौरतलब है कि दिल्‍ली में पुलिस मुख्‍यालय के सामने 31 जनवरी को हुए पत्रकारों के विशाल विरोध प्रदर्शन के बाद अगला विरोध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसदीय सीट बनारस पर आज आयोजित किया गया है। काशी पत्रकार संघ ने पत्रकारों के मुद्दे पर आज एक दिन के उपवास की घोषणा की है और एक संयुक्‍त संघर्ष समिति के गठन का फैसला लिया है।

काशी पत्रकार संघ: पत्रकारों पर हमले के खिलाफ 6 फरवरी को उपवास

इस सम्‍बंध में नवरत्‍न ने काशी पत्रकार संघ के अध्‍यक्ष राजनाथ तिवारी को एक पत्र भेजकर उन्‍हें पत्रकारों के उत्‍पीड़न का मुद्दा उठाने के लिए सहयोग की बात की थी। नवरत्‍न ने इस सम्‍बंध में एक पत्र शुक्रवार को प्रेस काउंसिल के अध्‍यक्ष को भी भेजा है।

उन्‍होंने लिखा है कि दिल्‍ली में किसान आंदोलन कवर कर रहे पत्रकारों को कई किलोमीटर पैदल चल कर पहुंचना पड़ रहा है और पुलिस व एजेंसियां उनके साथ अमानवीय व्‍यवहार कर रही हैं। इसके अलावा उन्‍होंने एक और समस्‍या उठायी है कि दिल्‍ली पुलिस या स्‍थानीय राज्‍य पुलिस द्वारा नियमित प्रेस ब्रीफ्रिंग की भी व्‍यवस्‍था नहीं की गयी है जिसके कारण कई बार पुष्‍ट समाचार प्राप्‍त करने के लिए पत्रकारों को मशक्‍कत करनी पड़ रही है।

पत्र में उन्‍होंने प्रेस काउंसिल के अध्‍यक्ष से अनुरोध किया है कि वे इस सम्‍बंध में उचित आदेश पारित करते हुए प्रेस की स्‍वतंत्रता बनाए रखने के लिए सार्थक कदम उठाने की कृपा करें।

पूरा पत्र नीचे पढ़ा जा सकता है।   

Letter-to-PCI-05-Feb-2021



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