देश के पांच सौ से ज्यादा किसान संगठनों के संयुक्त मोर्चा अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा की अपील पर दिल्ली में पिछले 27 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में 21 दिसंबर को बड़वानी से नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर के नेतृत्व में ट्रैक्टर रैली शुरू हुई।
इस रैली में नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़े किसान, मछुआरे, कुम्हार, केवट, पशुपालक तो शामिल थे ही, साथ ही सेंचुरी के 3 साल से आंदोलन चला रहे मजदूर भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। मजदूरों की यह किसान रैली बड़वानी में प्रभावी सभा करने के बाद रवाना हुई जो अंजड़, मंडवाडा, तलवाड़ा,दवाना, ठीकरी में सभा करती हुई सेंचुरी में रात्रि विश्राम किया।
22 दिसंबर को रैली में शामिल नेताओं ने खलघाट, धर्मपुरी, वाकानेर, मनावर, सिंघाना और निसरपुर में सभा कर तीनों किसान विरोधी विधेयक के खिलाफ चल रहे आंदोलन और सरकार द्वारा की जा रही मनमानी के बारे में विस्तार से जानकारी दी और इन किसान कानूनों से खेती किसानी और आम आदमी को क्या नुकसान होंगे इसकी जानकारी दी।
रैली में किसान संघर्ष समिति के मालवा निमाड़ संयोजक रामस्वरूप मंत्री, किसान नेता केदार सिरोही इंदौर से पहुंचे मजदूरों और किसानों के बीच में सक्रिय नेता एसके दुबे, अरविंद पोरवाल, सारिका श्रीवास्तव, विनीत तिवारी, अशोक दुबे सहित नर्मदा बताओ आंदोलन के कई नेता शामिल थे जिन्होंने सभाओं को संबोधित किया।
खलघाट, धर्मपुरी में जहां धर्मपुरी के विधायक पांची लाल मेडा भी शामिल हुए तथा किसान आंदोलन का समर्थन किया। मनावर की सभा में जयस के नेता तथा विधायक हीरालाल अलावा भी शामिल हुए इन दोनों विधायकों ने सभाओं को संबोधित करते हुए विश्वास दिलाया कि वे तीनों किसान कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन का तन मन से समर्थन करेंगे।
50 से अधिक ट्रैक्टरों की यह प्रभावी रैली 2 दिन बड़वानी, खरगोन और धार जिले में करीब 20 से अधिक सभाएं करने के बाद इस संकल्प के साथ समाप्त हुई कि जब तक सरकार तीनों कृषि विधेयक वापस नहीं लेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा और मध्य प्रदेश में भी आंदोलन को तेज किया जाएगा।